इस Post में- घमंडी हाथी की कहानी, हिंदी नैतिक कहानियाँ, Hathi Ki Kahani, moral stories, (Ghamandi Hathi kee Kahani In Hindi) शेयर की जा रही है। जो की या कहानी एक घमंडी हाथी का है। जिसने एक टिड्डा का घर मज़ाक में तोड़ दिया, तो टिड्डा ने ऐसा क्या किया जानने के लिए, पढ़िए पूरी कहानी: जो की हम ऊमीद करते है, हमारा लीखा हुआ लेख आप को पसंद आएगा:

घमंडी हाथी की कहानी | हिंदी नैतिक कहानियाँ

घमंडी हाथी की कहानी | हिंदी नैतिक कहानियाँ

घमंडी हाथी की नैतिक कहानियाँ

एक समय की बात है। किसी जंगल में एक हाथी रहता था। उसे अपने शरीर (Body) और अपनी ताकत पर बहुत घमंड था. उसके रास्ते में जो भी जानवर आता है, वह उसे परेशान करता है और डराकर (By scaring) भगा देता है।

एक दिन वह कहीं जा रही थी. रास्ते में उसने एक पेड़ पर एक मैना (mynah) देखा और उसके सामने झुकने (Bow) को कहा।

जब मैना ने झुकने से इन कार कर दिया तो गुस्से में आकर हाथी ने उस पेड़ को उखाड़ (Uproot) दिया जिस पर मैना बैठा हुआ था। मैना उड़ गया और हाथी उसे देखकर हँसने लगा।

फिर एक दिन हाथी पानी पीने के लिए नदी किनारे (River bank) गया। वहां टिड्डा का एक छोटा सा घर (Small house) था.

एक टिड्डा (Grasshopper) बड़े परिश्रम से अपने लिए भोजन (Eating) इकट्ठा कर रही थी। यह देखकर हाथी ने पूछा कि तुम क्या कर रहे हो, तब टिड्डा ने कहा; कि बरसात का मौसम आने से पहले अपने लिए भोजन जमा कर रहीं हूं, ताकि बरसात का मौसम में बिना किसी परेशानी के गुजर हो जाए। यह सुनकर हाथी के मन में टिड्डा के साथ शरारत (prank) का ख्याल आया और उसने अपनी सूंड (Trunk) में पानी भरकर टिड्डा पर डाल दिया।

 

घमंडी हाथी की कहानी में आगे क्या हुआ | Hathi kee Kahani

पानी ने टिड्डा का भोजन ख़राब (Defective) कर दिया, और वह पूरी तरह भीग गई। यह देखकर टिड्डा को बहुत गुस्सा आया और उसने अहंकारी हाथी को सबक सिखने के लिए अपने दोस्त चींटी (Ant) से मदत मांगने उस के पास गई। और चींटी ने अपने दोस्त की सहायता के लिए हा बोल दिया, फीर दोनों ने मिलकर एक योजना बनाई,(Planned) फिर एक दिन टिड्डा को हाथी को सबक (Lesson) सिखाने का मौका मिल ही गया। जब हाथी खाने के बाद, आराम से हरी घास (Green grass) पर सो रहा था। तभी

चींटी हाथी की सूंड में घुस गई, और अंदर से उसे काटने(Bite) लगी। जैसे ही चींटी ने हाथी को कटा, हाथी दर्द(Pain) से जोर-जोर से चिल्लाने लगा और मदद की गुहार लगाने लगा। तो टिड्डा ने अपने चींटी दोस्त से कहा; हाथी के सूंड से बहार आ जाओ, जैसे ही टिड्डा की आवाज़ चींटी के कानो

तक पहुंची वह तुरन्त हाथी के सूंड से बाहर आ गई। हाथी उसे देख कर डर गया और अपने किए की माफी टिड्डा से मांगी। जब टिड्डा को लगा कि हाथी को अपनी गलती(Mistake) का एहसास हो गया है, तो उसने हाथी को माफ कर दिया। अब वह पूरी तरह से बदल गया और उसने टिड्डा से वादा किया कि अब वह किसी को नहीं सताएगा और दूसरों की मदद करेगा।

इस हाथी की कहानी से हमे सीख मिलती है :-

हमें कभी भी अपनी ताकत के जोर पर दूसरों को परेशान नही करना चाहिए। बल्कि हमें इसका उपयोग सही दिशा में करना चाहिए, ताकि हम अपने एवं दूसरों की मदद कर सकें और मिलकर समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकें।

Thank you for raiding

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इस Article से Related कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर (FAQs)में दिए गए है।

FAQ –

Ques-1:हाथी ने रास्ते के एक पेड़ पर किस को देखा ?
Ans:- हाथी ने रास्ते के एक पेड़ पर एक मैना को देखा।

Ques-2:टिड्डा बड़े परिश्रम से अपने लिए क्या इकठा कर रहा था ?
Ans:- टिड्डा बड़े परिश्रम से अपने लिए भोजन इकठा कर रहा था।

Ques-3:हाथी ने अपनी सूंड में पानी भर कर टिड्डा पे क्यों फेखा ?
Ans:- हाथी ने अपनी सूंड में पानी भर कर टिड्डा पे इस लिए फेका की टिड्डा और उस का खाने का सामान भीग जय। 

Ques-4:फीर टिड्डा ने हाथी से बदला लेने के लिए किसे मदत मागी ?
Ans:- टिड्डा ने हाथी से बदला लेने के लिए अपने दोस्त चींटी से मदत मागी। 

Ques-5:फीर हाथी ने टिड्डा से क्या मागी ?
Ans:- फीर हाथी ने टिड्डा से अपनी किए की माफ़ी मांगी

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