नमस्कार दोस्तों: आज के इस लेख में हम आपके लिए बच्चों के लिए एक रहस्यमयी और मजेदार कहानी लेकर आए हैं, आखिर गणेश जी का सिर कैसे बदला? गणेश जी का सिर क्यों बदला, इसके बारे में हम विस्तार से जानेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि यह कहानी हमें क्या सिखाती है। तो देर किस लिए पढ़ना सुरु करते है। या Ganesh ji ki kahani:
गणेश जी का सिर कैसे बदला? बच्चों के लिए रहस्यमयी और मजेदार कहानी” | Ganesh ji ki kahani
1. गणेश जी कौन हैं?
गणेश जी हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं जिन्हें “विघ्नहर्ता” और “सिद्धि विनायक” के नाम से भी जाना जाता है। वे बुद्धि, समृद्धि, और सौभाग्य के देवता माने जाते हैं। हर शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा के बिना अधूरी मानी जाती है।
2. पार्वती और शिव के पुत्र
गणेश जी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं। उनके जन्म की कहानी भी उतनी ही रोचक है जितनी कि उनके सिर बदलने की कथा।
3. सिर बदलने की कहानी की शुरुआत – Ganesh ji ka sir kaise badle
कहा जाता है कि एक दिन देवी पार्वती ने अपनी योग शक्ति से अपने शरीर के उबटन से गणेश को रचा। पार्वती ने गणेश को अपने पुत्र के रूप में अपनाया और उन्हें दरवाजे पर पहरा देने का काम सौंपा।
- गणेश जी का पहरेदारी का कार्य
एक दिन जब देवी पार्वती स्नान करने के लिए गईं, उन्होंने गणेश को निर्देश दिया कि वे किसी को भी अंदर न आने दें, चाहे वह कोई भी हो। गणेश जी अपनी माता की आज्ञा का पालन करते हुए दरवाजे पर खड़े हो गए और किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया। उसी समय भगवान शिव अपने निवास स्थान पर लौटे और वे देवी पार्वती से मिलने के लिए अंदर जाना चाहते थे।
- गणेश और शिव के बीच विवाद
जब भगवान शिव ने अंदर जाने की कोशिश की, तो गणेश जी ने उन्हें रोका। भगवान शिव ने यह नहीं पहचाना कि यह उनका पुत्र है, क्योंकि गणेश जी का जन्म उनकी अनुपस्थिति में हुआ था। गणेश जी अपनी माता के आदेश का पालन करते हुए अडिग रहे और भगवान शिव को अंदर जाने से रोक दिया। इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने गणेश जी को चेतावनी दी, लेकिन गणेश जी अपनी ड्यूटी पर डटे रहे।
- गणेश जी का सिर काटना
भगवान शिव को क्रोध आ गया और उन्होंने त्रिशूल से गणेश जी का सिर काट दिया। जैसे ही गणेश का सिर धड़ से अलग हुआ, देवी पार्वती को यह बात पता चली। वह अत्यधिक दुखी और क्रोधित हो गईं और उन्होंने भगवान शिव से अपने पुत्र को जीवित करने की मांग की। देवी पार्वती ने धरती पर तबाही मचाने की धमकी दी अगर गणेश को फिर से जीवित नहीं किया गया।
- गणेश जी को दूसरा सिर कैसे मिला?
भगवान शिव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अपने गणों को आदेश दिया कि वे किसी ऐसे जीव का सिर लाएं, जो उत्तर दिशा की ओर मुंह करके सोया हो। काफी खोजबीन के बाद शिव के गणों को एक हाथी का बच्चा मिला, जो उत्तर दिशा की ओर सोया हुआ था। उन्होंने उस हाथी का सिर लाकर भगवान शिव को दिया। भगवान शिव ने गणेश जी के धड़ पर हाथी का सिर लगाकर उन्हें पुनर्जीवित किया।
- गणेश जी का नाम “गजानन” कैसे पड़ा?
जब गणेश जी का सिर हाथी का लगाया गया, तब से उनका नाम “गजानन” पड़ा। “गज” का अर्थ है हाथी और “आनन” का अर्थ है मुख। इसी कारण से उन्हें गजानन कहा जाने लगा। साथ ही, भगवान शिव ने गणेश जी को आशीर्वाद दिया कि वे सभी देवताओं में प्रथम पूज्य होंगे। इस प्रकार, गणेश जी को किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले पूजा जाने लगा।
- गणेश जी की विशेषताएँ
गणेश जी की पहचान उनके हाथी के सिर और मोटे पेट से होती है। उनके चार हाथ होते हैं, जिनमें से एक में वे अंकुश, दूसरे में पाश, तीसरे में मोदक और चौथे में आशीर्वाद देने का इशारा करते हैं।
- कहानी से शिक्षा
भगवान गणेश की इस कहानी से हमें कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं मिलती हैं। सबसे प्रमुख शिक्षा यह है कि अपने कर्तव्यों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण होता है, चाहे इसके परिणाम कुछ भी हों। गणेश जी ने अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन किया, और उनके इस कर्तव्य-निष्ठा के कारण ही उन्हें प्रथम पूज्य का स्थान प्राप्त हुआ।
इसके अलावा, यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि अहंकार और क्रोध से दूर रहना चाहिए। भगवान शिव ने अपने क्रोध में आकर गणेश जी का सिर काट दिया, लेकिन बाद में उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। इससे यह संदेश मिलता है कि किसी भी स्थिति में धैर्य और समझदारी से काम लेना चाहिए।
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निष्कर्ष-
भगवान गणेश की यह रहस्यमयी और अद्भुत कहानी बच्चों को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि उन्हें नैतिक और सामाजिक शिक्षाएं भी देती है। गणेश जी का सिर कैसे बदला, यह कहानी हमें सिखाती है कि अपने कर्तव्यों का पालन करना और माता-पिता की आज्ञा का सम्मान करना कितना आवश्यक है। गणेश जी का जीवन हमें सच्चाई, समर्पण और धैर्य का संदेश देता है। तो प्रिय मित्र गानो HINDI में या गणेश जी का सिर कैसे बदला?: की कहानी आपको पूरा पढ़के अच्छा लगा होगा।
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FAQ
1. गणेश की बेटी कौन है?
Ans- हिंदू धर्म में भगवान गणेश की दो पत्नियाँ हैं – रिद्धि और सिद्धि। उनकी कोई बेटी नहीं है, लेकिन उनके दो पुत्र हैं:
- 1. शुभ और
- 2. लाभ।
हालाँकि, कुछ पौराणिक कथाओं में भगवान गणेश की एक पुत्री का उल्लेख है, जिसका नाम संतानी या संतानिका है। लेकिन यह उल्लेख अधिकांश प्रमुख पौराणिक ग्रंथों में नहीं है।
भगवान गणेश के परिवार के बारे में विभिन्न कथाओं में विभिन्न विवरण हैं, लेकिन अधिकांश कथाओं में उनके दो पुत्रों शुभ और लाभ का उल्लेख है।
2. गणेश जी का फेवरेट फल कौन सा है?
Ans- सीताफल तो लगभग सभी को पसंद होता है लेकिन यह भगवान गणेश के पसंदीदा फलों में से एक है। इसलिए भगवान गणेश की पूजा में सीताफल का भोग लगाना बहुत जरूरी है।3. गणेश जी को कौन से नामों से जाना जाता है?
Ans- भगवान गणेश को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं:
- 1. गणेश – समूहों के स्वामी या नेता।
- 2. गणपति – गणों के स्वामी या नेता।
- 3. विनायक – ज्ञान और बुद्धि के दाता।
- 4. विघ्नेश्वर – विघ्नों को दूर करने वाला।
- 5. एकदंत – एक दांत वाला।
- 6. दंतयुक्त – दांतों वाला।
- 7. गजानन – हाथी के सिर वाला।
- 8. लंबोदर – बड़े पेट वाला।
- 9. शूर्पकर्ण – बड़े कान वाला।
- 10. हरिद्र – हल्दी के रंग वाला।
- 11. अविघ्न – विघ्नों को दूर करने वाला।
- 12. बुद्धिप्रिय – बुद्धि के प्रेमी।
- 13. सिद्धिदाता – सिद्धि के दाता।
- 14. गणाधिप – गणों के स्वामी।
- 15. वाक्पति – वाणी के स्वामी।
इसके अलावा, भगवान गणेश को विभिन्न अवतारों में भी जाना जाता है, जिनमें से कुछ प्रमुख अवतार हैं:
- 1. महागणपति
- 2. मायागणपति
- 3. विजयगणपति
- 4. श्रीगणपति
- 5. उच्छिष्टगणपति
इन नामों और अवतारों से भगवान गणेश की विभिन्न विशेषताओं और गुणों का प्रदर्शन होता है।
4. गणेश जी का वाहन कौन है?
Ans- भगवान गणेश का वाहन मूषक (चूहा) है। मूषक को हिंदू धर्म में गणेश जी का विश्वासपात्र और समर्पित वाहन माना जाता है।5. गणेश जी को कौन सा प्रसाद प्रिय है?
Ans- भगवान गणेश को मोदक प्रसाद बहुत प्रिय है। मोदक एक प्रकार का मिठाई होता है, जो गणेश जी को बहुत पसंद है। यह माना जाता है कि गणेश जी को मोदक चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों की इच्छाएं पूरी करते हैं।इसके अलावा, गणेश जी को निम्नलिखित प्रसाद भी चढ़ाए जाते हैं:
- 1. दूर्वा (दूब)
- 2. तुलसी के पत्ते
- 3. केला
- 4. नारियल
- 5. अनार
- 6. लड्डू
- 7. जलेबी
- 8. बर्फी
लेकिन मोदक गणेश जी को सबसे अधिक प्रिय है।
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