नमस्कार दोस्तों ! होली का त्योहार नजदीक आ गया है। ऐसे में क्या आप भी होली पर लिखने के लिए एक खूबसूरत निबंध ढूंढ रहे हैं।अगर हां तो ये पोस्ट “छात्रों के लिए होली का निबंध-5,500 शब्द में” आपके लिए ही है, जी हां, हम बात कर रहे हैं स्कूल एवम कोलाज स्टूडेंट्स के लिए होली पर निबंध की, जो एक चर्चा का विषय बन गया है। तो अगर आप भी या Essay: होली का निबंध या Holi Essay in Hindi, होली पर हिन्दी निबंध, होली पर आकर्षक निबंध, Holi essay in hindi 2024, Holi per nibandh, को पूरा पढ़ते हैं तो, आप सभी एक creative निबंध लिख सकते है। आइए हमारे साथ आपके कीमती समय ना जाया करते हुए इस Essay on Holi in Hindi की यात्रा में हमारे साथ शामिल हों जाए।
छात्रों के लिए होली का निबंध-5,500 शब्द में। Holi Essay in Hindi
Holi essay for students in 5,500 words-in Hindi
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छात्रों के लिए होली का निबंध (Essay on Holi in Hindi) – प्रस्तावना
होली हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। होली एक ऐसा रंग-बिरंगा त्योहार है, जिसे हिंदुओं के साथ-साथ अन्य धर्मों(religions) के लोग भी बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। (अर्थात होली केवल हिंदू ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी मनाते हैं।) होली के त्योहार(Festival) के अवसर पर सभी लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, रंग लगाते हैं और नाचते-गाते हैं। (अर्थात जब होली होती है तो सभी एक-दूसरे के घर जाते हैं,
नाचते-गाते हैं और रंग लगाते हैं।) होली के दिन लोग अपने-अपने घरों में तरह-तरह के पकवान बनाते हैं। विभिन्न प्रकार के व्यंजन (जैसे गुझिया, मिठाइयाँ, पापड़ आदि) भी बनाये जाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह त्योहार भाईचारे का संदेश देता है। इस दिन सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे से गले मिलते हैं और एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं, बच्चे और युवा कई दिन पहले से ही रंगों में डूब जाते हैं।
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मनाने का समय (होली कब मनाई जाती है | Holi Essay in Hindi
इसलिए होली ‘रंगों का त्योहार’ है जो सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। होली का त्यौहार हर साल मार्च के महीने में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार फागुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से दो दिनों तक मनाया जाता है। जिसमें पहले दिन होलिका दहन किया जाता है, जिसमें गाय के गोबर(Cow dung) से लड़कियां कंडे बनती हैं। और उन से होलिका दहन किया जाता है। होली के दूसरे दिन को धुलण्डी कहा जाता है। जिसमें सभी लोग एक-दूसरे को रंग-बिरंगे अंदाज में बधाई(Congrats) देते हैं। गले मिलते हैं और तरह-तरह के व्यंजन भी खाते और खिलाते हैं। (मतलब दूसरे दिन रंग उत्सव होता है)
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मनाने का कारण (होली क्यों मनाई जाती है | छात्रों के लिए होली का निबंध
हिरण्यकश्यप असुरों का राजा था, (अर्थात एक असुर(demon)असुरों का राजा था) और अपने आप को भगवान मानता था। लेकिन हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद विष्णु भगवान के परम भक्त(supreme devotee) थे। यह बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल भी रास नहीं आती थी। इस बात को लेकर हिरण्यकश्यप अपने पुत्र की भक्ति का विरोध करता था। और उस से अप्रसन्न(unhappy) रहता था। उसका विचार था कि जैसे उस को सभी भगवान मानते हैं, उसी तरह से उसका पुत्र प्रहलाद भी उसको भगवान माने, हिरण्यकश्यप ने पुत्र प्रहलाद को कई बार चेतावनी दी थी। कि वह विष्णु की आराधना ना करें वरना उसे मृत्यु दंड दिया जाएगा।
लेकिन प्रहलाद ने अपने पिता की एक बात ना सुनी, और चेतावनी(alert) देने के बाद भी विष्णु की आराधना में लीन रहे, हिरण्यकश्यप द्वारा बहुत बार तो अपने पुत्र को मारने की कोशिश भी की गई, लेकिन वह इस कोशिश में असफल(fail) रहा, तमाम कोशिशें के बाद हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद लेने की सोची, होलिका को भगवान से वरदान(Boon) प्राप्त था। कि होलिका को कोई आग में नहीं जला सकता है। इसिलए हिरण्यकश्यप ने चिता बनाई होलीका प्रहलाद को लेकर चिता पर बैठ जाती है।
और चीता को आग लगा दी जाती है, प्रहलाद चिता में बैठने के बाद भी विष्णु की आराधना में लीन रहते हैं, और आग में होलिका भस्म हो जाती है। उसका वरदान भी निष्फल हो जाता है। क्योंकि उसने अपने वरदान का दुरुपयोग किया था। वहीं दूसरी तरफ प्रहलाद आग में बैठने के बाद भी अपनी भक्ति की शक्ति(Power) के कारण सुरक्षित रहते हैं, विष्णु भक्त प्रहलाद की याद में इस दिन होलिका दाहन बनाई जाती है। और दूसरे दिन लोग खुशी में रंग खेलते हैं।
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होली का वर्णन (यानी होली कैसे मनाई जाती है | छात्रों के लिए होली का निबंध
होली का त्योहार होली की रात्रि से एक दिन पूर्व ही आरंभ(start) हो जाता है। लोग उपलो लकड़ियो(timber) का ढेर लगाते हैं। फिर शुभ घड़ी में इस ढेर यानी होलिका में आग लगा दी जाती है। इसी आग में लोग नया अनाज(grain) की बाली भूनकर(after roasting the earring) आराध्य को अर्पित करते हैं। जैसे गेहूं चना वगैरा लोग भुन्ज लेते हैं। होलिका दहन के अगले दिन रंग भरी होली होती है। जिसे धूलंडी भी कहा जाता है इस दिन सभी धर्म और जाति के छोटे बड़े बच्चे बूढ़े स्त्री पुरुष एक दूसरे को रंग लगाते हैं।
गुलाल लगाते हैं, रंग डालते हैं, सड़कों पर युवकों की टोली गाती बजती निकलती है। और एक दूसरे को मिठाईयां खिलाते हैं। रंग लगाते हैं और अमीर गरीब उच्च नीच का भेदभाव बुलाकर सभी आनंद के साथ होली में झूमते नजर आते हैं। बहुत से लोग भांग और ठंडाई भी पीते हैं। घर की महिलाएं बहुत सारे पकवान बनाती हैं। जैसे गुजिया पापड़ पूड़ी कचौड़ी आदि यह सब पकवान बनाकर दोपहर से यह लोग भी होली खेलने प्रारंभ करती हैं, वही बच्चे सुबह उठने के साथ ही उत्साह के साथ होली खेलने के लिए मैदान(Field) में आ जाते हैं।
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होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi | होली का महत्व क्या है
होली के त्योहार से जुड़े होलिका दहन के दीन, परिवार(Family) के सभी सदस्यों को उबटन(body scrub) लगाया जाता है। (उबटन क्या है? यह हल्दी, हल्दी, दही है, थोड़ा सा आटा लेकर इसका पेस्ट(paste) बनाया जाता है। उसको उबटन कहा जाता है) ऐसी मान्यता है कि उस दिन उबटन लगाने से वयक्ती के सभी रोग(Disease) दूर हो जाते हैं। वही गांव के सभी घरों से एक-एक लकड़ी होलिका में जलने के लिए दी जाती है। अग्नि में लकड़ी जलाने के साथ-साथ मनुष्य के सभी विकार(disorder) भी जलकर नष्ट हो जाते हैं। होली के हुड़दंग में (यानी मोज-मस्ती में) सब भूलकर शत्रु को भी गले लगा लेता है। इस तरह गले लगने से सभी अपना बड़ा दिल करके आपसी दुश्मनी(enmity) को भूल जाते हैं।
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वर्तमान में होली का स्वरूप क्या है (Essay on Holi in Hindi)
वर्तमान(present) में होली का रूप बदलते जा रहा है। क्योंकि युवा लोग इसके महत्व को ना समझ कर नशे(intoxication) के त्यौहार के रूप में देख रहे हैं। आजकल के युवा होली के दिन तरह-तरह का नशा करते हैं। और बैठे रहते हैं। कुछ लोगों को तो इसे गंभीर नुकसान(Serious harm) भी हो जाते हैं। इस दिन अब युवाओं(youth) में लड़ाई झगड़ा तो आम बात हो गई है, होली के त्योहार पर दुश्मनी भूलने की जगह अब दुश्मनी बढ़ाने में लगे हैं, लोग आजकल युवा लोग रंग की जगह गोबर नाली का पानी पक्के रंगों(strong colors) का इस्तेमाल करते हैं। जो की होली की शोभा को धूमिल करते हैं। यह सब चीज होली के त्यौहार की छवि(image) को खराब कर रही हैं। हमें लोगों को जागरूक(Vigilant) करना होगा।
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होली पर निबंध (Holi par nibandh) | उपसंहार-
होली का त्योहार बुराई(evil) पर अच्छाई(goodness) की विजय का प्रतीक(Sign) माना जाता है। इस त्योहार से सीख लेते हुए हमें, अपनी बुराइयों को छोड़ते हुए अच्छाइयों को अपनाना चाहिए, यह एक ऐसा त्यौहार है। जो हर धर्म संप्रदाय जाति(Caste) के बंधन की सीमा से परे जाकर, लोगों को भाईचारे(brotherhood) का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पूरे गिले शिकवे भूलकर गले मिलते हैं। रंग लगाते हैं हमें इस बात को समझना होगा की होली मिलजुल कर प्रेम से रहने और जीवन के रंगों को अपने भीतर आत्मसात करने का त्यौहार है।
वर्तमान में भटके(wandered) हुए युवाओं को हमें इस त्यौहार के महत्व और विशेषताओं के बारे में बताना चाहिए, ताकि उनके विचार बदले और हमारे इस सौहार्दपूर्ण(cordial) त्यौहार की छवि बनी रहे, होली का त्यौहार हमें हमेशा अच्छे मार्ग पर आगे बढ़ाने की प्रेरणा देता है, होली का त्योहार सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्यौहार के कारण लोगों में सामाजिक एकता की भावना प्रबल होती है।
इसी के साथ आप सभी लोगों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं धन्यवाद
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निष्कर्ष(Conclusion):-
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