दुर्गा पूजा भारत के सबसे महत्वपूर्ण और बड़े त्योहारों में से एक है। यह त्योहार देवी दुर्गा की आराधना और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। विशेष रूप से बंगाल में, दुर्गा पूजा को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व का धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्त्व इतना गहरा है कि यह न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय है। इस लेख में हम Durga puja 2024 दुर्गा पूजा 2024 के दौरान क्या करें और क्या न करें से जुड़े विशेष जानकारियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

दुर्गा पूजा 2024 के दौरान क्या करें और क्या न करें? – जानिए विस्तार से

Durga puja 2024 के दौरान क्या करें और क्या न करें? जानिए विस्तार से

 

1. दुर्गा पूजा के दौरान क्या करें – What to do during Durga Puja

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  1. माँ दुर्गा की पूजा और आशीर्वाद लेना-
    दुर्गा पूजा के दिनों में मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। मंदिर या घर में रोजाना मां दुर्गा की पूजा, आरती और मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा भक्ति भाव से करें।
  2. परंपराओं का पालन करें-
    दुर्गा पूजा के दौरान परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। इससे हमें अपनी संस्कृति और धरोहर को जीवित रखने में मदद मिलती है। हर परिवार की अपनी परंपराएँ होती हैं, जिनका पालन करके हम माँ दुर्गा की कृपा पा सकते हैं।
  3. स्वच्छता का ध्यान रखें-
    दुर्गा पूजा के समय घर और मंदिर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। स्वच्छता से देवी माँ प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा, स्वच्छता से स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है, जिससे आप त्योहार का पूरा आनंद उठा सकते हैं।
  4. सामुदायिक कार्यक्रमों में भाग लें-
    दुर्गा पूजा का त्यौहार प्रेम भावना का प्रतीक है। विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लें, जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन-कीर्तन, नाटक आदि। इससे समाज में एकता और भाईचारा बढ़ा है।
  5. जरूरतमंदों की सहायता करें-

    दुर्गा पूजा का सही अर्थ तभी है जब हम जरूरतमंदों की मदद करें। गरीब और भूखे लोगों को भोजन, कपड़े या दान देकर हम माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा करने से हमारे मन में संतुष्टि और खुशी का अनुभव होता है।

  6. संयमित खान-पान का पालन करें-
    दुर्गा पूजा के दौरान संयमित खान-पान का पालन करना चाहिए। सात्विक और हल्का भोजन करना बेहतर होता है। व्रत रखने वाले लोग फलाहार और विशेष व्यंजनों का सेवन करें। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है और पूजा पर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद मिलती है।
  7. संयम और विनम्रता बनाए रखें-
    दुर्गा पूजा के दौरान संयम और विनम्रता का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। यह समय आस्था और भक्ति का होता है, अतः किसी भी प्रकार के विवाद या अनावश्यक तर्क-वितर्क से बचें। शांति और धैर्य बनाए रखें।
  8. पारंपरिक परिधानों का चयन-
    दुर्गा पूजा के समय पारंपरिक भारतीय परिधानों का चयन करें। साड़ी, धोती-कुर्ता, और अन्य पारंपरिक वस्त्र पहनकर पूजा में शामिल होना उचित होता है। यह हमारी संस्कृति के प्रति सम्मान और आस्था को प्रदर्शित करता है।
  9. उपहारों का आदान-प्रदान-
    दुर्गा पूजा के अवसर पर दोस्तों और परिवार को उपहार देना हमारे रिश्ते को मजबूत करने का एक शानदार तरीका है। यह एक-दूसरे के प्रति स्नेह और सम्मान का प्रतीक है।

2. दुर्गा पूजा के दौरान क्या न करें – What not to do during Durga Puja

 

  1. अत्यधिक शोर-शराबा-
    दुर्गा पूजा के दौरान बहुत ज़्यादा शोर न मचाएँ। इससे दूसरे लोगों को परेशानी हो सकती है और पूजा का माहौल भी खराब हो सकता है। पूजा के दौरान शांत और पवित्र माहौल बनाए रखना चाहिए।
  2. अनावश्यक खर्च-
    दुर्गा पूजा के समय अनावश्यक खर्च से बचें। पूजा के नाम पर दिखावा करने से बेहतर है कि इस धन का उपयोग समाज सेवा या जरूरतमंदों की मदद में करें। सरलता और सादगी से पूजा करने से माँ दुर्गा अधिक प्रसन्न होती हैं।
  3. व्रत का उल्लंघन-
    अगर आप व्रत रख रहे हैं तो पूरी श्रद्धा से व्रत का पालन करें। व्रत का उल्लंघन न करें, क्योंकि इसे धार्मिक नहीं माना जाता। व्रत के दौरान संयमित रहना बहुत जरूरी है।
  4. पर्यावरण को नुकसान पहुँचाना-
    दुर्गा पूजा के समय पर्यावरण का विशेष ध्यान रखें। प्लास्टिक और अन्य प्रदूषक सामग्री का उपयोग न करें। पंडाल सजावट में इको-फ्रेंडली सामग्री का उपयोग करें और मूर्ति विसर्जन के समय भी पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहें।
  5. अंधविश्वास का पालन-
    दुर्गा पूजा के समय अंधविश्वास और कुरीतियों से बचें। पूजा में विश्वास और आस्था महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अंधविश्वास और रूढ़ियों का पालन करना उचित नहीं है।
  6. असामाजिक गतिविधियों में संलग्न होना
    दुर्गा पूजा के दौरान किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों में संलग्न न हों। यह पर्व शांति, सद्भावना और भक्ति का होता है। अतः इसे एक शांतिपूर्ण और सुखद तरीके से मनाएं।

 

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निष्कर्ष-

दुर्गा पूजा एक पवित्र और धार्मिक पर्व है जिसे हम श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं। इस समय हमें अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन करते हुए संयम और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। इसी के साथ, हमें दूसरों की सहायता और पर्यावरण की रक्षा का भी ध्यान रखना आवश्यक है। इन बातों का पालन करके हम न केवल मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी फैला सकते हैं।
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इस Article से Related google पर serch किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर
(FAQs)में दिए गए है।

FAQ –

Ques-1:मां दुर्गा को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?
Ans:- मां दुर्गा को चढ़ाने के लिए विशेष प्रकार की वस्तुएं और प्रसाद का ध्यान रखा जाता है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो उन्हें चढ़ाना उचित नहीं माना जाता है। आइए जानते हैं उन वस्तुओं के बारे में:

  • तुलसी के पत्ते – मां दुर्गा को तुलसी के पत्ते चढ़ाना वर्जित माना जाता है। यह विशेष रूप से इसलिए क्योंकि तुलसी को भगवान विष्णु के लिए पवित्र माना गया है, और इसका प्रयोग केवल विष्णु पूजा में ही किया जाता है।
  • मांस-मदिरा – मां दुर्गा की पूजा के दौरान किसी भी प्रकार के मांस, मदिरा या तामसिक पदार्थ चढ़ाना सख्त वर्जित है। दुर्गा पूजा में शुद्ध और सात्विक प्रसाद का ही प्रयोग करना चाहिए।
  • कांटेदार फूल – मां दुर्गा को कांटेदार फूल जैसे गुलाब आदि नहीं चढ़ाने चाहिए। इसकी जगह पर बिना कांटे वाले फूलों का चयन करना उचित होता है, जैसे कमल, गेंदे के फूल, आदि।
  • बासी भोजन या प्रसाद – मां दुर्गा को बासी या पुराना प्रसाद, फल, या मिठाई चढ़ाना अशुभ माना जाता है। केवल ताजे और शुद्ध प्रसाद का ही उपयोग करें।
  • सफेद फूल – मां दुर्गा की पूजा में आमतौर पर सफेद फूलों का प्रयोग नहीं किया जाता है। उनकी पूजा के लिए लाल, पीले, या गुलाबी फूलों का उपयोग अधिक उपयुक्त होता है।इन बातों का ध्यान रखते हुए, माँ दुर्गा की पूजा पूरी श्रद्धा और सही विधि से करनी चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

 

Ques-2:दुर्गा पूजा में किस प्रकार की पूजा करनी चाहिए?
Ans:- माँ दुर्गा की आराधना के साथ मंत्र जाप, आरती, और भजन-कीर्तन का आयोजन करना चाहिए।

Ques-3:दुर्गा माता का प्रिय फूल कौन सा है?

Ans:- दुर्गा माता का प्रिय फूल लाल कनेर और गेंदे के फूल माने जाते हैं। इसके अलावा, लाल रंग के फूल जैसे गुलाब और कमल के फूल भी मां दुर्गा को अत्यंत प्रिय होते हैं। लाल रंग शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है, जो माता दुर्गा की शक्ति और साहस का प्रतिनिधित्व करता है। पूजा के समय इन फूलों का उपयोग करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Ques-4:मां दुर्गा को कौन सी मिठाई पसंद है?
Ans:- मां दुर्गा को लाल रंग की मिठाइयाँ विशेष रूप से पसंद हैं। इसमें सबसे प्रमुख मिठाई लाल पेड़ा या मालपुआ मानी जाती है। इसके अलावा, लड्डू और खीर भी माँ दुर्गा को अर्पित की जाती है, जो उनकी पसंदीदा मिठाइयों में से हैं। खासतौर पर गुड़ और चने की दाल से बनी मिठाई का महत्व अधिक होता है। इन मिठाइयों को सच्चे मन और श्रद्धा से चढ़ाने पर मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद मिलता है।

Ques-5:मां दुर्गा को बुलाने का मंत्र क्या है?
Ans:- “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।”

इस मंत्र का नियमित जाप करने से माँ दुर्गा का आह्वान किया जाता है और उनकी कृपा प्राप्त होती है। यह मंत्र माँ दुर्गा की शक्ति और ऊर्जा को जागृत करता है और साधक को साहस, शक्ति, और सुरक्षा प्रदान करता है। इस मंत्र का जाप प्रातःकाल या पूजा के समय करना विशेष फलदायी माना जाता है।

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