दुर्गा पूजा भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार मां दुर्गा की शक्ति और विजय का प्रतीक है। 2024 में, कब है Durga Puja? यह सवाल कई लोगों के मन में होगा। इस लेख में हम दुर्गा पूजा 2024 की शुभ मुहूर्त, तिथियों, महत्त्व और इससे जुड़ी विशेष जानकारियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
2024 में कब है Durga Puja: दुर्गा पूजा का शुभ मुहूर्त 2024 में कब है?
1. दुर्गा पूजा क्या है? – Durga Puja का महत्व
दुर्गा पूजा हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो विशेष रूप से बंगाल, ओडिशा, असम और झारखंड में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के महिषासुर पर विजय की कहानी का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानी जाती हैं। दुर्गा पूजा के दौरान मां दुर्गा की मूर्तियों की स्थापना की जाती है और नौ दिनों तक विविध धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
2. 2024 में दुर्गा पूजा की तिथियाँ – 2024 में कब है Durga Puja
2024 में दुर्गा पूजा 2 अक्टूबर (महालय) से शुरू होकर 12 या 13 अक्टूबर (विजयदशमी) तक चलेगी। नीचे दी गई तालिका में दुर्गा पूजा 2024 के मुख्य दिनों की तिथियाँ दी गई हैं:
- महालया- Mahalaya – 2 अक्टूबर Wednesday 2024महालया के दिन देवी दुर्गा का आह्वान किया जाता है। यह दिन पितृ पक्ष के समापन का भी प्रतीक होता है। महालय इस साल पितृ पक्ष के आखिरी दिन 2 अक्तूबर 2024 को है। इस दिन को सर्व पितृ अमावस्या या महालया अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
- महापचंमी- Mahapanchami – 8 अक्टूबर Tuesday 2024महापंचमी, जिसे दुर्गा पूजा की पंचमी के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन देवी दुर्गा की उपासना के लिए विशेष माना जाता है, क्योंकि इसी दिन देवी का आगमन होता है।
-
महाषष्ठी – Shashthi – First Day of Durga Puja Festivities – 9 अक्टूबर Wednesday –
महाषष्ठी के दिन से ही दुर्गा पूजा की शुरुआत होती है। इस दिन देवी दुर्गा का आगमन होता है और उनकी प्रतिमा का उद्घाटन किया जाता है।
- महासप्तमी- Maha Saptami – 10 अक्टूबर Thursdayसप्तमी के दिन पूजा के मुख्य अनुष्ठान प्रारंभ होते हैं। इस दिन देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है।
- महाअष्टमी- Ashtami – 11 अक्टूबर Fridayअष्टमी को दुर्गा पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन ‘कुमारी पूजा’ और ‘संधि पूजा’ का विशेष आयोजन होता है। संधि पूजा के समय मां दुर्गा की पूजा अर्पण की जाती है, जब वह महिषासुर का वध करती हैं।
- महानवमी- Maha Navami – 12 अक्टूबर Saturdayनवमी के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है और हवन का आयोजन किया जाता है।
विजयादशमी- Vijaya Dashami – 12 अक्टूबर Saturday
विजयदशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, दुर्गा पूजा का अंतिम दिन होता है। इस दिन मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस दिन रावण दहन का आयोजन भी होता है, जो रावण पर भगवान राम की विजय का प्रतीक है।
3. किस दिन किस रूप की होगी पूजा – Which form will be worshipped on which day
- 03 अक्टूबर गुरुवार- मां शैलपुत्री की पूजा
- 04 अक्टूबर शुक्रवार- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
- 05 अक्टूबर शनिवार- मां चंद्रघंटा की पूजा
- 06 अक्टूबर रविवार- मां कूष्मांडा की पूजा
- 07 अक्टूबर सोमवार- मां स्कंदमाता की पूजा
- 08 अक्टूबर मंगलवार- मां कात्यायनी की पूजा
- 09 अक्टूबर बुधवार- मां कालरात्रि की पूजा
- 10 अक्टूबर गुरुवार- मां सिद्धिदात्री की पूजा
- 11 अक्टूबर शुक्रवार- मां महागौरी की पूजा
- 12 अक्टूबर शनिवार- विजयदशमी (दशहरा)
4. Durga Puja का शुभ मुहूर्त 2024
- महालया का शुभ मुहूर्त
महालया 2 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन का शुभ मुहूर्त 05:28 AM to 06:31 AM.बजे के बीच है। - षष्ठी का शुभ मुहूर्त
षष्ठी 9 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन का शुभ मुहूर्त 10:25 AM to 04:42 PM. बजे के बीच है। - सप्तमी का शुभ मुहूर्त
सप्तमी 10 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन का शुभ मुहूर्त 9 अक्टूबर 12:14 pm से 10 अक्टूबर 12:14 pm बजे के बीच है। - अष्टमी का शुभ मुहूर्त
अष्टमी 11 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन का शुभ मुहूर्त 10 अक्टूबर 12:31 pm से 11 अक्टूबर12:06 pm बजे तक है। - नवमी का शुभ मुहूर्त
नवमी 12 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन का शुभ मुहूर्त 11 अक्टूबर 12:06 pm से 12 अक्टूबर12:00 pm बजे तक रहेगा। - दशमी का शुभ मुहूर्त
दशमी 12 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन का शुभ मुहूर्त 3:00 pm से 07:30 बजे के बीच है।
या भी पढ़ें –
निष्कर्ष-
दुर्गा पूजा न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। 2024 में दुर्गा पूजा का यह महापर्व आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाए, यही कामना है। इस पावन अवसर पर मां दुर्गा की आराधना करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को मंगलमय बनाएं।
यदि आप ने या लेख 2024 में कब है Durga Puja: दुर्गा पूजा का शुभ मुहूर्त 2024 में कब है? को पढ़कर जानकारी मील गई हो तो, तो इस पोस्ट को LIKE करके हमारी Family को ज्वाइन करना न भूलें। तब तक लिए हमारी बाकी Post पढ़ें, धन्यवाद, आपका दिन शुभ हो
इस Article से Related google पर serch किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर (FAQs)में दिए गए है।
FAQ –
- Ques-1:दुर्गा पूजा 2024 की शुरुआत कब होगी?
Ans:- यह आमतौर पर सितंबर से अक्तूबर के बीच में पड़ता है। इस वर्ष, महालय 2 अक्तूबर, 2024 को है और इसके बाद 03 सितम्बर से दुर्गा पूजा शुरू होगी और 12 अक्तूबर, 2024 को समाप्त होगी । - Ques-2:दुर्गा पूजा कलश स्थापना कब है 2024?
Ans:- 2024 में दुर्गा पूजा के दौरान कलश स्थापना (जिसे “घटस्थापना” भी कहा जाता है)
का दिन 03 अक्टूबर को है। यह दिन दुर्गा पूजा के पहले दिन, यानी षष्ठी के अवसर पर होता है, जब मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना और पूजा की जाती है। कलश स्थापना के साथ ही दुर्गा पूजा के धार्मिक अनुष्ठानों की विधिवत शुरुआत होती है। - Ques-3:नारियल कैसे रखते हैं?
Ans:- शास्त्रों के अनुसार नारियल में त्रिदेवों का वास भी होता है। कलश पर नारियल रखने से शुभ कार्यों में त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कार्य बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं। नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कच्चे धागे या कलावा से बांधकर कलश पर रखना चाहिए। -
Ques-4:पूजा के बाद नारियल का क्या करना चाहिए?
Ans:- पूजा के बाद नारियल को प्रसाद के रूप में माना जाता है, और इसे घर के सदस्यों या भक्तों के बीच बांटा जा सकता है। यहाँ कुछ परंपरागत सुझाव दिए गए हैं कि पूजा के बाद नारियल का क्या करना चाहिए:
- प्रसाद के रूप में वितरण: पूजा के बाद नारियल को छोटे टुकड़ों में काटकर घर के सदस्यों या उपस्थित भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित करें। यह शुभ माना जाता है और इसे भगवान का आशीर्वाद समझा जाता है।
- भोग के साथ सेवन: नारियल का उपयोग भोग या मिठाई बनाने में भी किया जा सकता है। इसे लड्डू, चूरमा, या किसी अन्य मिठाई में मिलाकर प्रसाद के रूप में सेवन किया जा सकता है।
- तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रखना: कुछ लोग पूजा का नारियल तिजोरी या जहाँ धन रखा जाता है, वहां रखते हैं, क्योंकि इसे समृद्धि और धनवृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
- वृक्ष के नीचे दफनाना: अगर आप नारियल का प्रसाद नहीं लेना चाहते, तो इसे किसी पवित्र वृक्ष (जैसे पीपल या तुलसी) के नीचे दफना सकते हैं। यह भी एक शुभ कार्य माना जाता है।
- जलाशय में प्रवाहित करना: कुछ परंपराओं में नारियल को नदी या जलाशय में प्रवाहित करने की प्रथा है, खासकर अगर नारियल में जल भरा हो। इसे श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।इन तरीकों से पूजा के बाद नारियल का सम्मानपूर्वक उपयोग किया जा सकता है।
- Ques-5:अप्रैल में नवरात्रि कब है 2024?
Ans:- ऐसे में चैत्र नवरात्रि का पहला व्रत 9 अप्रैल को रखा जाएगा। 9 अप्रैल को घटस्थापना का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 3 मिनट से 10 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।