तो कैसे हैं आप लोग- आज हम होली कब है? जानिए और इसकी तैयारी के लिए कुछ उपयुक्त टिप्स!” की यात्रा पर हैं, जिन्हें हम हिंदी में साझा कर रहे हैं। यहां हम आपको होली कब है? उन तारीख और तैयारी के बारे में बताएंगे, जो आप सभी के जीवन को Calarful और खुशहाल बना सकते हैं।

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होली कब है? जानिए तारीख और तैयारी के टिप्स! | When is Holi in 2024 in Hindi

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होली कब है? जानिए तारीख और तैयारी के टिप्स!

होली से जुड़ी और भी कई जानकारियां दी गई हैं.

NO 1: होली कब है? जानिए

होली की तारीख हर साल बदलती रहती है, लेकिन यह आमतौर पर मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में आती है। इस वर्ष होली का त्यौहार पंचांग के अनुसार साल 2024 में फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 09:54 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 25 मार्च को दोपहर 12:29 को समाप्त होगी. ज्योतिषियों की सलाह है, कि होलिका दहन 24 मार्च को है. और उस के अगले दिन होली मनाई जाएगी. इस दिन लोग एक दूसरे को रंग लगा कर Holi बनाते है। साथ ही हमसे या किसी और से हुई गलतियों को भूलकर ये होली का त्यौहार एक बार फिर से एक जुट होने का मौका देता है।

 

NO 2: होली का इतिहास एवं महत्व होली क्यों मनाया जाता है

होली भारतीय सांस्कृतिक कैलेंडर के अनुसार वसंत ऋतु का जश्न मनाती है और रंग-बिरंगे त्योहारों के साथ मनाई जाती है। इस त्यौहार का इतिहास बहुत गहरा है और विभिन्न कथाएँ और लोककथाएँ इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

पुराने समय का अद्भुत रंग:
महाभारत और पुराणों में देखें होली का प्राचीन इतिहास. इसमें होलिका नामक राक्षसी के साथ घटी एक घटना का वर्णन है, जिससे तत्काल ही होली का नाम पड़ गया।

भक्तप्रहलाद की कहानी:
Holi का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा भक्त प्रह्लाद की कथा से जुड़ा है। हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का प्रेमी था। हिरण्यकश्यप की अतुल्य भक्ति के कारण उसकी बहन होलिका पर विष्णु भक्त प्रह्लाद ने उसे मारने के लिए अग्नि में बैठाने का प्रयास किया था, लेकिन भगवान की कृपा से प्रह्लाद की अतुल्य भक्ति के कारण होलिका जलकर मर गई। इसलिए इस घटना के बाद से हर साल फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में होलिका दहन की जाती है. यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.

होली क्यों मनाया जाता है महत्त्व:
होली एक ऐसा त्यौहार है जहां हर कोई एक साथ आता है और सामूहिक आनंद पैदा करने के लिए विभिन्न विचारों को एक साथ लाता है। यह हमें बताता है कि जीवन में रंगों का बहुत महत्व है और साथ मिलकर काम करने से हर मुश्किल को हंसी में बदला जा सकता है। होली का यह माध्यम समृद्धि और सौहार्द की भावना तथा लोगों को एक-दूसरे के प्रति समर्पित रहने का संदेश देता है।

 

NO 3: होली की तारीख वर्षों के साथ

भारतीय पंचांग के अनुसार होली हर वर्ष फागुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इसका आयोजन वसंत ऋतु के साथ किया जाता है जिसमें लोग रंग-बिरंगे उत्सवों के साथ एक-दूसरे को मनाते हैं और एक-दूसरे को खुशी और प्यार से रंगते हैं। होली की तारीख हर साल बदलती रहती है, क्योंकि यह हिंदू पौराणिक कैलेंडर के आधार पर चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण की तारीखों को ध्यान में रखकर निर्धारित की जाती है।

चंद्र ग्रहण से 15 दिन पहले होली मनाई जाती है, जिसे वसंत पूर्णिमा कहा जाता है। यह तिथि हर साल बदलती रहती है क्योंकि हिंदू पौराणिक कैलेंडर चंद्रमा की स्थिति के आधार पर तैयार किया जाता है। वसंत पूर्णिमा को होली का पहला दिन माना जाता है, इसी दिन से होलिका दहन की शुरुआत होती है। दूसरे दिन फागुन मास के कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा को होली मनाई जाती है, जिसे रंगों के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

इस प्रकार, भारतीय सामाजिक और धार्मिक परंपराओं के अनुसार होली हर साल अलग-अलग तिथियों पर मनाई जाती है, लेकिन हर साल मौसमी आधार पर भिन्न होती है। यह वह सुनहरा अवसर है जब लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, साथ मिलकर जश्न मनाते हैं और सद्भाव और प्रेम की भावना महसूस करते हैं।

होली कब है? जानिए तारीख और तैयारी के टिप्स-अभी जारी है 

NO 4: होली के लिए तैयारी के टिप्स

होली कब है? जानिए तारीख

होली के लिए तैयारी करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स:

अच्छी गुणवत्ता वाला रंग चुनें: होली के मौके पर अच्छी क्वालिटी वाले रंगों का चयन करें ताकि उनकी त्वचा को कोई नुकसान न हो। और आसानी से धुल जाएं। होली को और खास बनाए रखने के लिए बाजार से सुरक्षित और गैर विषैले रंगों या बनाए गए रंगों का प्रयोग करें।

त्वचा की देखभाल: होली के दिन त्वचा का ख्याल रखना जरूरी है. त्वचा की जलन से बचने के लिए सबसे पहले त्वचा पर एक अच्छा और सुरक्षित तेल का कपड़ा लगाएं। इसके बाद होली खेलें ताकि रंग आसानी से निकल जाएं।

बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए नोट: बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानी बरतें। उन्हें अच्छी गुणवत्ता और सुरक्षित रंगों का उपयोग करना चाहिए और होली खेलते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

पूरी तैयारी के साथ हंसते रहें: सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि होली के खेलों में भाग लें, हंसते रहें और खुश रहें। यह एक खुशी का त्योहार है, इसलिए इसका आनंद लें और सुरक्षा के साथ होली का आनंद लें।

 

NO 5: पारंपरिक होली भोजन

होली का त्योहार भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं में एक अद्वितीय माहौल लेकर आता है जिसमें परिवार और दोस्तों के साथ बैठकर खाने का आनंद लिया जाता है। यहां हम आपको पारंपरिक होली भोजन का आनंद लेने के लिए यहां कुछ प्रमुख विकल्प हैं:

गुजिया: होली का भोजन शुरू होता है गुजिया के साथ, जो एक पारंपरिक मिठाई है। गुजिया एक खस्ता कचौड़ी होती है जिसमें मेवे और नारियल भरे जाते हैं और इसे तेल में तलकर स्वादिष्टता बढ़ाई जाती है।

बालूशाही: होली के इस खास मौके पर बालूशाही भी बनती है, जो एक अन्य पौराणिक मिठाई है। इसमें मैदा और घी का उपयोग होता है, और इसे तेल में तलकर गुड़ या शीरा में डालकर स्वादिष्टता बढ़ाई जाती है।

कचौड़ी: होली के दिन कचौरी भी बनाई जाती है, जो कई प्रकार की हो सकती है. आलू की कचौरी, मूंग दाल की कचौरी और बेसन की कचौरी सबको भाती है और इसे आमतौर पर टमाटर की चटनी और मिठा दही के साथ परोसा जाता है।

दही भल्ला: होली के इस विशेष दिन पर दही भल्ला भी तैयार किया जाता है, जो ठंडे दही, तीखी चटनी, और भूने हुए मूंग के साथ सजाकर परोसा जाता है।

मालपुआ: होली के अवसर पर मालपुआ भी बनाया जाता है, जो एक मिठा और कुरकुरा विशेष बनाया जाता है। इसे गुड़ या चीनी के साथ परोसा जा सकता है।

शरबत और ठंडाई: होली के दिन शरबत और ठंडाई भी बनाई जाती है। जिसमें अंजीर, काजू, बादाम, और भांग मिलाकर बनाई जाती है। इसे ठंडे दही के साथ मिलाकर बनाया जा सकता है और यह शरीर को ठंडक पहुंचाने में मदद करता है।

रंगीन चटनीयाँ: भोजन के साथ रंग-बिरंगी चटनी बनाई जा सकती हैं, जैसे पुदीना, धनिया और टमाटर की चटनी। ये खासतर से पकोड़े और समोसे के साथ मिलती हैं।

पारंपरिक होली भोजन रंगीन मिठाइयों और पारंपरिक स्वादों के साथ एक संयुक्त पूर्ण अनुभव प्रदान करता है। यह भोजन होली का मुख्य आकर्षण है जिसे परिवार और दोस्तों के साथ मनाया जाता है।

NO 6: होली के साथ व्यक्तिगत अनुभव

होली भारतीय सांस्कृतिक कैलेंडर का एक बहुत ही आनंदमय और रंगीन त्योहार है जो हर साल बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह एक ऐसा समय है जब लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलते हैं और इसे पूरे प्यार और खुशियों से भर देते हैं।

परिवार के साथ होली: होली का असली मजा परिवार के साथ मिलकर होता है। बच्चे और बड़े सभी मिलकर रंग-बिरंगे खेलते हैं और एक दूसरे के साथ जोड़ी बनाते हैं। इससे परिवार का एक मजबूत बंधन बनता है और साथी बने रहने का आदान-प्रदान बढ़ता है।

दोस्तों के साथ रंगारंग मिलन: होली का त्यौहार दोस्तों के साथ एक रंगीन मिलनसर उत्सव बन जाता है। सबके चेहरे पर रंग लगाना और एक-दूसरे के साथ खेलना एक अनूठा बंधन बनाता है जो जीवन भर याद रहता है।

धार्मिक आस्था का संकेत: होली हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो पुराणों और शिक्षाओं के माध्यम से आपकी आस्था को जीवंत करता है। धार्मिक आयोजनों से जुड़ा होने के बावजूद यह लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने में भी मददगार है।

आत्मरहिती और मुक्तिदायक: होली एक ऐसा अवसर है जब लोग आपको आपके सभी अच्छे और नेक गुणों के साथ स्वीकार करते हैं, और आत्मसम्मान में खो जाते हैं। यह एक मुक्तिदायक अनुभव है जो सतर्कता और शांति का संदेश देता है।

होली का यह अनोखा अनुभव हर साल लोगों को एक साथ लाता है और खुशियों को एक नया रंग देता है। होली के वास्तविक महत्व को साझा करने के लिए इसे अपने साथियों और अपने आस-पास के समुदाय के साथ मिलकर होली का सही महत्व समझना चाहिए।

 

NO 7: होली के रंग और उनके पर्यायवाची

होली कब है?

भारतीय सांस्कृतिक मेले में होली एक बहुत ही रंगबिरंगा त्योहार है जिसमें विभिन्न रंगों का आनंद लिया जाता है। यहां होली के विभिन्न रंग और उनके पर्यायवाची शब्द दिए गए हैं:

1. गुलाबी रंग-पर्यायवाची: लाल, गुलाबी, सुर्ख, रोज़ा
गुलाबी रंग होली का सबसे पसंदीदा रंग माना जाता है जो प्यार और रोमांस का प्रतीक है। इस त्यौहार में रोमांटिक रचनाएं और लोगों के बीच अधिक रुचि है।

2.पीला रंग-पर्यायवाची: हल्दी, केसरी, अम्बर
पीला रंग खुशी, उत्साह और उत्सव का प्रतीक है। इसे सूर्य का रंग भी कहा जाता है जो जीवन को रंग देता है। होली के त्यौहार में पीले रंग के खेलने का विशेष महत्व है।

3. हरा रंग-पर्यायवाची: नीला, पीला, हरित, पतंगी
हरा रंग प्राकृतिक सुंदरता और खुशहाली का प्रतीक है। इसे बगीचे का हरा या ताजगी वाला रंग भी कहा जाता है। और यह त्यौहार में और अधिक उत्साह भर देता है।

4. लाल रंग-पर्यायवाची: टमाटरी, रुबी, सिंदूरी
लाल रंग होली का सबसे प्रचलित रंगों में से एक है जो पारंपरिक रूप से उपयोग होता है। यह प्यार और उत्साह की भावना का स्रोत है और त्योहार को खास भी बनाता है।

5.पानी के रंग:
Holi  में पानी के रंग भी बहुत ही प्रचलित हैं। इसमें विभिन्न रंगों का पाउडर या लिक्विड रंग मिलाकर बनाया जाता है, जो कीचड़ बालों में और कपड़ों पर फेंकने के लिए उपयोग होता है।

होली के रंग त्योहार को रंगीन और आनंदमय बनाते हैं और इसमें भाग लेने वालों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करते हैं। इन रंगों के माध्यम से लोग अपनी खुशी, उत्साह, और भावनाएं अभिव्यक्त करते हैं

 

साल 2024 में कब है होली? नोट कर लें तारीख, शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और तैयारी के टिप्स-को पूरा जरूर पढ़े 

 

NO 8: सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल होली का आनंद लें

भारतीय सांस्कृतिक मेले में होली एक बहुत ही रोमांटिक और रंगीन त्योहार है, लेकिन इसे सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाए रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। यहां सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त होली सजावट के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:

बिना निर्दिष्ट परिमाण के पानी का इस्तेमाल न करें:
होली के दिन ज्यादा पानी का इस्तेमाल करना पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, बिना आवश्यकता के अत्यधिक पानी का उपयोग न करें और इसे सुरक्षित बनाए रखें।

शांतिपूर्ण और सुरक्षित स्थान का चयन करें:
होली का आनंद लेने के लिए ऐसी जगहों का चयन करें जहां मौसम अच्छा हो और आप सुरक्षित महसूस करें। कृपया ध्यानपूर्वक चयन करें ताकि कोई अप्रत्याशित घटना न घटित हो।

प्रकृति अनुकूल रंगों का इस्तेमाल करें:
होली के रंगों में चुनौतीपूर्ण रसायनों का अधिक उपयोग से बचें और नेचर-फ्रेंडली रंगों का चयन करें। हानिकारक और घटिया रसायनों वाले रंगों का इस्तेमाल ना करने से प्रदूषण कम होगा।

खानपान का ध्यान रखें:
होली के दिन सुरक्षित खान-पान का विशेष ध्यान रखना जरूरी है. अधिक मात्रा में मिठाइयाँ और तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए ताकि त्वचा और स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल होली का आनंद लेना महत्वपूर्ण है ताकि हम इसे स्वस्थ और प्रदूषण मुक्त बना सकें। इन सुझावों का पालन करके हम सभी मिलकर एक हरित क्रांति की ओर कदम बढ़ा सकते हैं

 

NO 9: क्लासिक होली गीत और नृत्य

होली रंग, संगीत और नृत्य से भरा भारतीय सांस्कृतिक त्योहारों में से एक है। यहां हम आपको कुछ क्लासिक होली गीतों और उनके साथी नृत्यों के बारे में बताएंगे:

1. “आज ना छोडेंगे बस हमजोली” – कोलकाता कनेक्शन
यह एक और प्रसिद्ध होली गीत है जिसके बोल में रंग और खुशियाँ शामिल हैं। होली के त्योहार के दौरान गीतों की धुन और लय श्रोताओं को आनंदित कर देती है।

2. “होली के रंग” – बोल बच्चन
यह भारतीय गाना संगीत के रंगीन और धुंधले पलों को साझा करने का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसमें हर होली पर खेलने वाले सुपरस्टार भी शामिल हैं।

3. “रंग बरसे” – बगबान
यह गाना होली के त्योहार की ऊर्जा और रंगों को बहुत ही स्वाभाविक ढंग से व्यक्त करता है। गायकों और गायिकाओं की आवाज से सजे इस गाने को एक अनोखा एहसास दिया गया है, जो लोगों को हरियाली और रंगों से भरी होली की याद दिलाता है।

इन क्लासिक होली कलाकारों के साथ, लोग होली के संगीत पर नाचते, गाते हुए खुशी साझा करते हैं। ये गाने न केवल मनोरंजन का साधन हैं बल्कि हरियाली और रंगों से भरे इस त्योहार को और भी सुंदर बनाते हैं।

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NO 10: होली के शौकीनों के लिए घूमने की जगहें

होली के शौकीनों के लिए घूमने की जगहें

भारत में होली को एक अनोखे और रंगीन त्योहार के रूप में मनाया जाता है और इस अवसर पर अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, और यह आयोजनों में भाग लेना हर किसी के लिए एक अनूठा अनुभव होता है। यहां होली प्रेमियों के लिए यहां कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं:

1. मथुरा और वृंदावन, उत्तर प्रदेश
होली का सबसे बड़ा और रंगीन उत्सव मथुरा और वृंदावन में होता है।

मथुरा, भगवान कृष्ण के बचपन का स्थान, होली के लिए एक अन्य प्रमुख स्थान है। यहां भी लोग बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ होली का आनंद लेते हैं।

वृंदावन, भगवान कृष्ण के जन्मस्थल के रूप में प्रसिद्ध है, होली के लिए एक अद्वितीय स्थान है। यहां गोपियों और गोपों की भीड़ रंग-बिरंगे पौधों के साथ बजे रहती है।

2. गोवा के रंगोली उत्सव
भारत का पार्टी केंद्र गोवा भी होली मनाता है। यहां लोग रंग-बिरंगे कपड़ों के साथ और समुद्र किनारे होली का आनंद लेते हैं।

3. शंभू की लाल हवेली, उदयपुर
राजस्थान के इस शहर और खूबसूरत जगह पर होली एक खास अनुभव माना जाता है। यहां प्लाज़ा, झीलों और बेहतरीन संगीत के साथ होली मनाना एक अनोखा अनुभव है।

4. होली का महोत्सव, दिल्ली
दिल्ली के खास इलाके में होली का जश्न बहुत ही विशेष है। यहां आप बाजारों में घूमकर रंग-बिरंगे कपड़े खरीद सकते हैं और रंगीन दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। साथ में देशी म्यूजिक और डांस का आनंद भी लेते हैं।

इन जगहों पर होली का आनंद लेना हर किसी के जीवन का एक अनोखा अनुभव होता है, जो रंग-बिरंगी और खुशनुमा यादों से भरा होता है। इन जगहों पर होली का आनंद लेकर लोग नए दोस्त बनाते हैं और एक-दूसरे के साथ इस खास त्योहार का आनंद लेते हैं।

NO 11: होली और सोशल मीडिया

होली और सोशल मीडिया

होली, जो भारतीय सांस्कृतिक कला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, आजकल सोशल मीडिया के माध्यम से और भी रंगीन और जीवंत हो गई है। यहां हम जानेंगे कि होली और सोशल मीडिया कैसे मिलकर एक नया रूप लेते हैं:

1. होली के रंग सोशल मीडिया पर: होली के दिन लोग अपना रंग और उत्साह सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं. उन्होंने अपनी होली की तस्वीरें और रंगों की तस्वीरें साझा करके एक रंगीन और आनंदमय दिन का आनंद लेते हैं।

2. होली सेल्फीज़ और वीडियो: होली के दिन लोग अपने खुशी के पलों को सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए सेल्फी और वीडियो बनाते हैं। यह न केवल उन्हें अपने रंग याद रखने में मदद करता है बल्कि उन्हें अपने दोस्तों और परिवार से भी जोड़ता है।

3. #हैशटैग्स से जुड़ा होली: होली के दिन सोशल मीडिया पर विशेष हैशटैग्स का उपयोग किया जाता है, जैसे #HoliCelebration, #HappyHoli, #ColorsOfHoli, आदि। ये हैशटैग्स लोगों को एक-दूसरे की तस्वीरों और पोस्ट्स के साथ जोड़ने में मदद करते हैं और एक साथी भावना बनाए रखते हैं।

4. होली सोशल मीडिया फ़िल्टर्स और एमोजी: विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स ने होली के दिन के लिए विशेष फ़िल्टर्स और एमोजी भी प्रदान किए हैं, जो उनकी पोस्ट और कहानियों को रंगीन बनाने में मदद करते हैं। ये फ़िल्टर्स और इमोजी होली के मौसम को और भी स्पष्ट रूप से उत्सवपूर्ण बनाते हैं।

होली ने सोशल मीडिया को भी रंगीन बना दिया है, जिससे लोगों को अपनी भविष्यवाणियां और उत्साह बाटने का मौका मिल गया है, जिससे यह एक सामूहिक सांस्कृतिक अनुभव बन गया है।

 

NO 12: होलिका दहन 2024 मुहूर्त और कुछ ध्यान देने वाली बाते

होली से एक दिन पूर्व, शाम को बड़ी-बड़ी लकड़ियों में आग लगाई जाती है, और दानवी होलिका का पुतला उस आग में जला दिया जाता है, जो अच्छाई की बुराई पर विजय को दर्शाता है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार होलिका दहन 24 मार्च रविवार को होगा. उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि सुबह लगभग 09:30 Am से प्रारंभ होगी और अगले सुबह 25 मार्च यानी सोमवार को दोपहर लगभग 12:45 Pm पर खत्म होगी. होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित प्रदोष काल में होलिका दहन होता है.एवम होलिका दहन ज्योतिष गणना के अनुसार 24 मार्च को है। वहीं होलिका दहन का शुभ मुहूर्त लगभग 1 घंटे 16 मिनट का रहेगा। . होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11 बजे से 12 बजकर 27 मिनट तक है. इस दौरान होलिका दहन होगा. इसके अगले दिन यानी 25 मार्च को होली मनाई जाएगी.

होलिका दहन के समय एक बार भद्रा काल अवश्य देखें। यदि फाल्गुन पूर्णिमा की संध्या के समय भद्रा का प्रभाव हो तो होलिका दहन न करें। ऐसा करने से उसका परिवार संकट में पड़ सकता है।

NO 13: होलिका दहन पूजा विधि

होलिका दहन के दिन होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें. होलिका दहन की सामग्री में-

1.सूखा नारियल
2.गोबर के बने उपले
3.पीला सरसो
4.रोली, अक्षत, बताशे,
5.साबुत हल्दी
6.फूल-अबीर गुलाल
इत्यादि रखकर पूजा करें. होलिका दहन से पहले शरीर पर उबटन लगावे और फिर लकड़ी के चारों ओर कच्चा सूत लपेटकर तीन बार ‘इस मंत्र का जाप.करे –।। असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:। अतस्त्वां पूजायिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव।। और फीर जलती होली की सात बार परिक्रमा करते हुए चारों ओर जल चढ़ाते जाएं. फिर पूजा के अंत में उस अग्नि को सावधानी से ले जाएं और अपने घर के चारों ओर घुमाएं।

Disclaimer: यहां जो दी गई सूचना है वह /ज्योतिषियों/पंचांग/मान्यताओं/मान्य धर्मग्रंथों/से संग्रहित कर के आपके समक्ष प्रस्तुत यानि लिखी गई है। यहां यह बताना जरूरी है कि इस लेख में किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना का कोई समर्थन या प्रमाणीकरण की पुष्टि नहीं करता है. हमारा उद्देश्य सरीफ आप लोगो के पास जानकारी पहुंचाना है, इसलिए उपयोगकर्ताओं को किसी भी जानकारी या सलाह पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।

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  1. हिंदी में होली की शुभकामनाएं

निष्कर्ष –

ये post में होली से सम्बंदित बहुत कुछ डाला है, जिनहे देखते हुए आप इस Holi को और भी मजेदार और यादगार बना सकते है। तो, दोस्तों अगर आपको हमारी यह पोस्ट ” होली कब है? जानिए, तारीख और तैयारी के टिप्स! ” पसंद आई हो तो प्लीज आप हमे COMMENT में लिखकर जरूर बताएं,साथ ही आप इस Holi किसी तीन जरुरत मंद लोगो की मदत जरूर कीजियेगा, क्युकी आपके मदत करने से वो भी टेंशन भरी जीवन से निकलकर हसी के कुछ पल जी सके, जिसे देख आपको बहुत खुसी होगी, तो हम जल्द ही एक और चटाकेदार article लेकर आएंगे। तब तक के लिए,। धन्यवाद!

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