इस Post में- हाथी की कहानी, Hathi Ki Kahani, (The Elephant Story In Hindi) शेयर की जा रही है। क्या होगा, जब हाथी को महल ले जाया करेंगे तो? कहानी के पुरे बिस्तार से जानने के लिए पूरी कहानी: को अन्तः तक पढ़िए गा। जो की हम ऊमीद करते है, हमारा लीखा हुआ लेख आप को पसंद आएगा:तो आइए अपना कीमती समय बर्बाद किए बिना मज़ेदार कहानी की इस यात्रा पर हमारे साथ चलें।

 

हाथी की कहानी | The Elephant Story 

हाथी की कहानी

वफादार  हाथी की कहानी

बहुत वक्त पहले रितम पुर नाम के राज्य में एक गांव था, जहां लम-सम 399 बढ़ई (Carpenter) रहते थे, ये बढ़ई लकड़ी काटने के लिए गांव के पास वाले जंगल में जाया करते थे, और अपने घर के लिए सामान बनाते जैसे कि फर्नीचर ( Furniture ) और घर के लिए खिड़कियां ( windows ) दरवाजे, एक दिन वह जंगल में काम कर रहे थे, तब उन्होंने किसी की चीख सुनी। तभी एक बढ़ई ने बोला ये इतनी दर्दनाक चीख किसकी है। तो दूसरे ने बोला ये आवाज़ उस तरफ से आ रही है, सभी बढ़ई  ऊस दिशा में भाग पड़े वही एक पेड़ के पीछे से उन्होंने एक विशाल हाथी को, आते देखा पर वह हाथी रो रहा था, ध्यान से देखने पर उन्हें देखा कि वह लंगड़ा रहा था, घबराते हुए उसके पास गए हाथी ने अपना पांव उठाकर उन्हें

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दिखाया और सारे बढ़ई ने देखा कि उसका पांव सुजा हुआ था। और हाथी को बोला; तुम्हारे पैर में तो कांटा चुभ गया है। तुम्हे बहुत दर्द हो रहा होगा ना, तभी बढ़ई ने बोला हमे ये कटा निकलना होगा, फीर ऊन्होने उसके पांव से वह कांटा निकाल गर्म पानी से उसका जख्म साफ किया, और उसे पर पट्टी बांध दी ताकि वह ठीक हो जाए, कुछ दिनों में हाथी का जख्म पूरी तरह से ठीक हो गया. और हाथी उनका एहसान मंद था। उसने मन में सोचा इन भले इंसानों ने मेरी जान बचाई है, इनका एहसान चुकाने के लिए मुझे भी उनकी मदद (Help) करनी चाहिए, पर मैं उनके लिए क्या कर सकता हूं, हाथी ने देखा कि दो बढ़ई बड़े पेड़ का तना अपने हाथ गाड़ी (Hand cart)में

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रखने की कोशिश कर रहे हैं। वह उनकी मदद करने  पहुंची, और ये काम के लिए बढ़ई ने शुक्रिया दा किया, उस दिन से हाथी ने बढ़ियो की मदद करना शुरू कर दिया, वह लड़कियों के टुकड़े उठा था। उनके औजार उन्हें पकड़ा ता था, और हाथ गाड़ी एक जगह से दूसरी जगह पहुँचता, हाथी (Elephant) की मदद से उनका काम बहुत आसान हो गया था, और बदले में वह हाथी को अच्छे से खाना खिलाते, वह सब अपने घर से फल आदि लाते और हर रोज हाथी के पास बहुत सारा खाना इकट्ठा हो, जाता जल्दी ही हाथी को एक बच्चा हुआ। वह इंसानों की लकड़ी ढोने में मदद करता तो बेटा उनके पौधे उगाने

हाथी की कहानी में आगे क्या हुआ | Hindi कहानी

 

में, ये सब देख बढ़ियो ने कहा शुक्रिया नंन्हे दोस्त, पेड़ उगना पेड़ गिरने से ज्यादा महत्वपूर्ण है, अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हम न सिर्फ जंगल की सारी लकड़ी खत्म कर देंगे बल्कि उसके साथ-साथ हम दुनिया के पर्यावरण (Environment) को भी नुकसान पहुंचाएंगे, मेरा काम अब खत्म हुआ तो तुम भी जाकर खेलो या थोड़ा आराम कर लो, जाओ तभी एक बढ़ई ने हाथी दोस्त से कहा, तुम्हारा बेटा बहुत प्यार है। हमारे बच्चे उसे बहुत प्यार करते हैं, तुम दोनों हमारी जिंदगी में खुशियां लेकर आए हो, वक्त युही गुजरता गया, और हाथी धीरे-धीरे बूढ़ा हो रहा था। और उसका का पूरा पीठ दर्द से बेहल था। हाथी का बच्चा ये सब देख एक दिन बोल पड़ा; पापा आज पांचवा दिन हो गया मुझे आपको इस तरह दर्द से करते देखते हुए आप क्यों 

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इतना सामान उठा रहे हैं, जब आपकी पीठ में इतना दर्द हो रहा है, उसके पापा (Father) ने कहा,क्योंकि वह इंसान मेरे दोस्त हैं, बहुत पहले उन्होंने मेरी जान बचाई थी, और इतने सालों में तुमने देखा ना बेटा कि वह कैसे इतने प्यार से हमारा ख्याल रख रहे हैं, मुझे उनकी मदद करनी होगी बेटा यह मेरा फर्ज है। तो उसके बेटे ने बोला पापा आज से ये सरे काम मैं करूंगा, मैं भी उनसे बहुत प्यार करता हूं लेकिन मैं उनके लिए आपको खुद को तकलीफ नहीं पहचाने दूंगा, मैं फैसला कर लिया है कि अब से आपकी जगह पर मैं इन्सानो की मदत किया करुगा, पर बेटा, मगर हाथी के बच्चे ने उसके पापा की एक बात ना सुनी, और बोला; मै यांग हु मै स्ट्रांग हू,अब से मै आपके सरे काम कर दुगा, आप मुझे नही रोकेंगे , और उस दीन से हाथी के बेटे ने बढ़ियो के काम में मदत करनी सुरु करदी।

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एक दीन उस राज्य के राजा, बिक्रम दत्त ऊसी जंगल से गुजर रहे थे। रस्ते में ऊन्होने हाथी के बच्चे को बढ़ियो के साथ काम करते हुए देखा, वो एक समूह (Group) की तरह काम कर रहे थे, और राजा को हाथी उसी वक्त पसंद आ गया , वो बढ़ईओ के पास गया , और बोला, तो कैसे है आप सभी, बढ़ियो ने कहा ठीक मगर आप यहाँ पर हमारे लिए तो सौभग्य की बात है, आइए-आइए ऊन्होने राजा को अपनी बनाई हुई एक कुर्सी पर आदर से बैठाया, और हाथी के बच्चे को पानी लेन के लिए कहा , जैसे ही इन्सान राजा के सामने ऊनके सम्मान में अपना सर झुकाए खड़े थे, वैसे ही हाथी ने भी अपनी सूंढ़ उठाकर सामान किया, राजा हाथी के पास गया और प्यार से उसे छुआ, हाथी ने भी प्यार से सम्मान दिया, तभी राजा बोले; कितना प्यारा और समझदार हाथी है यह, ये तुम्हारा दोस्त है, तो बढ़ियो ने कहा ये और इसके पापा हमारे लिए परिवार जैसे हैं, ये कई सालों से हमारी

 

हाथी की कहानी को आगे पढ़िए | Haathi Ki Kahaanee

 

मदद कर रहे हैं; राजा बोले; ऐसा वफादार और ताकतवर (Mighty) हाथी मेरी सेना में आ जाए तो, बहुत अच्छा रहेगा, बढ़ियो बोला महाराज अगर हमारा दोस्त राज्य के काम आ सके तो यह जरूर आएगा, राजा ने कहा पर यह तो तुम्हारा दोस्त है, ना इससे अलग होकर तुम्हें दुख नहीं होगा, बढ़ियो बोले सच कहूं तो हम इसे कभी अलग नहीं होना चाहेंगे, महाराज इतने सालों में हमारे दिल में उनके लिए प्यार और इज्जत बढ़ती ही जा रही है। पर अगर राज्य को उसकी जरूरत है, तो हम अपनी मातृभूमि (Homeland) की सेवा के लिए इतना तो कर ही सकते हैं। ये बाते सुन हाथी ने अपने बाटे से कहा जाओ बेटा मातृभूमि की सेवा से बढ़कर कोई चीज नहीं है। महाराज के साथ जाओ और उनके दोस्त बनाकर उनकी मदद करना, जरूरत पड़ने पर उनके और उनके परिवार के काम आना, बेटे ने कहा; तो आप का ख्याल कोण रखेगा, उसके पिता ने समझया की हमारे इंसान दोस्त है, ना मेरा ख्याल रखने के लिए जाओ बेटा, राजा बोलते है ; मैं तुमसे वादा करता हूं कि हम तुम्हारे

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बेटे का बहुत अच्छे से ख्याल रखेंगे, तो सभी ने कहा; बहुत-बहुत शुक्रिया (Thanks) और इस तरह से दुखी मन से सारे बढ़ियो और उनके हाथी दोस्त ने, अपने बेटे को जाने दिया छोटे हाथी की आंखों में भी आंसू (Tears) थी। जब वह अपने पिता और दोस्तों को छोड़कर जा रहा था। राजा बिक्रम दत्त के लिए भी यह हाथी उनकी सेना का कोई जानवर नहीं था, बल्कि एक दोस्त और एक भाई की तरह था। उन्होंने खुद उसे युद्ध कला (art of war) सिखाई राजा ने हाथी के लिए बड़े-बड़े जेवर बनवाएं, और उसके लिए अपने शाही महल के साथ ही एक शाही महल बनाया और हमेशा ध्यान रखा जाता था, कि हाथी

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के महल में उसकी पसंद के फलों की कोई कमी ना रहे, राजा दिन में कई बार खुद जाकर हाथी को फल खिलाते थे, हाथी राजा को अब दोस्तों की तरह प्यार करने लगा था। इसी तरह 3 साल बीत गए एक दिन राजा को बहुत दूर सफर पर जाना था, तो वह अपने दरबारी (Courtier) के साथ उस हाथी के बच्चे से भी मिलने आए, और कहा मेरे दोस्त (Friend) कैसे हो तुम, बच्चे ने कहा आप कहीं बाहर जा रहे हैं क्या, और मुझे अपने साथ ले जाने के लिए तैयार क्यों नहीं किया, राजा बोले क्योंकि मैं बहुत दूर जा रहा हूं, इसीलिए दोस्त मैं तुम्हें अपने साथ नहीं ले जा सकता, मुझे बहुत वक्त लगेगा, और मैं चाहता हूं कि तुम यहीं रहो और यहां रहकर मेरे राज्य और परिवार का ख्याल रखो, रखोगे ना दोस्त, तो उस ने कहा; अपने राज्य की रक्षा के लिए मुझे जो भी

हाथी की कहानी

हाथी की| Hindi कहानी अभी जारी है

करना पड़े, मैं करूंगा पर आप जल्दी आ जाइएगा महाराज, सभी दरबारी खड़े राजा की बातें सुन रहे थे, तो एक दरबारी ने कहा ; अब यह हाथी हमारे राज्य की देखभाल करेगा, तो वही के सेनापती ने कहा; प्यार और वफादारी सबसे ताकतवर चीज होते हैं, मेरे दोस्त और कोई भी इंसान किसी जानवर की वफादारी की बराबरी तो कर ही नहीं सकता, तुम देखते रहना वक्त आने पर महाराज और उनके जानवर दोस्त का प्यार हमारे इस राज्य के लिए कितना कीमती साबित होगा, कई महीने गुजर गए राजा बिक्रम दत्त की कोई खबर नहीं आई दरबारीयो को फिक्र होने लगी की कही महाराज को कुछ हो तो नहीं गया,, एक दिन उन्हें खबर मिली कि राजा बिक्रम दत्त को आखिरी बार उस जंगल के पास देखा गया था। जहां से

कोई भी जिंदा नहीं आता,, सेनापति ने जाकर रानी को यह खबर सुनाई, रानी हर वक्त हाथी के साथ रहती थी। रानी ने कहा आप हमेशा इतनी उदास क्यों रहते हैं सेनापति,, सेनापति ने कहा महारानी साहिबा महाराज शायद किसी मुसीबत में है, उन्हें आखिरी बार मंगलपुर के जंगलों की तरफ जाते हुए देखा गया है, जहां

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से कभी कोई इंसान जिंदा वापस नहीं आया, यह खबर सुनकर हाथी बहुत दुखी हो गया उसने खाना छोड़ दिया, वह ना रानी के पास जाता और ना ही राजकुमार के पास, वह बस राजा को याद करके रोता रहता, और दूसरी ओर राजा बिक्रम दत्त के गायब होने की खबर, पड़ोसी राज्य के राजा त्रिलोक मिश्र के पास पहुंच चुकी थी। और त्रिलोक मिश्र को मौका मिल गया मोदी सत्ता (Modi power) राज्य पर हमला करके उसे पर राज करने का, त्रिलोक मिश्र ने ये बात सुनते ही कहा, ये तो बहुत अच्छा मौका है, राजा की गैर हाजरी में वहां का राजकुमार तो अभी बच्चा है, वह क्या कर लेगा ऐसे में हम उन्हें हरा सकते हैं, जंग की तैयारी करो, राजा त्रिलोक मिश्र की सेना ने मोदी सत्ता को चारों तरफ से घेर लिया, ये खबर सुनते ही सेनापती ने महारानी साहिबा से कहा; हम पर हमला हुआ है। महारानी ने कहा जल्द ही सेना तैयार करो मै नेतृत्व करुँगी, ये सुन सेनापती ने कहा ; नही महारानी साहिबा राजकुमार अभी एक साल के है। उन्हें आपकी जरूरत है, हम अपने राज्य को बचाने के लिए आखिरी सांस तक

 

हाथी की कहानी | Hindi में 

 

लड़ेंगे, राजा के गैर हजारी में मोदी सत्ता की सेना दुसमन का मुकाबला नही कर पाई, और वो जंग हरने की हालत तक पहुंच गए, तभी एक सेना ने कहा सेनापती जी अगर हमने अभी कुछ नही किया तो, हम जंग हार जाएंगे, हमें जाकर महारानी को बताना होगा, सेनापति ने रानी को बताया कि त्रिलोक मिश्र की सेना के सामने वह ज्यादा देर नहीं टिक पाएंगे, महारानी ने कहा; हमारे पास अब एक उम्मीद है , चलो मेरे साथ रानी हाथी से मिलने गई जो, अभी भी कुछ नहीं खा रहा था। और कमरे के कोने में चुपचाप बैठा हुआ राजा बिक्रम दत्त की याद में, आंसू बहा रहा था। तभी रानी ने कहा ऐसे ही दुख बनाते रहोगे तो कैसे चलेगा तुम्हें उठना होगा तुम्हारा राजा ने तुम्हें इस राज्य की रक्षा करने की जिम्मेदारी सौंप थी। तुम्हारे सामने तुम्हारा राजा का बेटा है। फैसला कर लो कि तुम इस बात का दुख मनाना चाहती हो, कि जैसे राजा मर चुके हैं, या तुम उठकर दुश्मनों (Enemies) का मुकाबला करोगे, एक योद्धा की तरह जैसे तुम्हारा राजा

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ने तुम्हें सिखाया था। मैं इस जंग में लड़ने खुद जाऊंगी महारानी की ये बात सुन , हाथी जंग के मैदान में पहुंच गया, और एक योद्धा की तरह लड़ा उसके सूंड से निकली ध्वनि (Sound) की गूंज ने मोदी सत्ता के सैनिकों में नया जोश और नई उम्मीद पैदा कर दी, और देखते ही देखते उन्होंने त्रिलोक मिश्र को हरा दिया। और खुसी से हाथी के बच्चे ने कहा; यह सोचने की हिम्मत भी मत करना कि राजकुमार अकेले हैं और मोदी सत्ता का कोई रक्षक नहीं है , ये देख सेनापति ने कहा मैंने कहा था, ना प्यार और वफादारी सबसे ताकतवर चीज होती है, आज एक अकेले हाथी ने वह कर दिखाया जो मोदी सत्ता की पूरी सेना नहीं कर पाई तभी राज दरबार में कोई आया,

और उसे इंसान को देखते ही हाथी उसकी तरफ भाग और वह और कोई नहीं राजा बिक्रम दत्त थे, उस ने कहा; मेरा दोस्त मेरा भाई शुक्रिया मेरे राज्य और परिवार को बचाने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया तुम एक सच्चे दोस्त हो मेरे सच्चे भाई हो और सच्चे योद्धा भी, हाथी राजा की बात सुन बहुत खुस हुआ। 

 

इस कहानी से हमे सीख मिलती है :-

प्यार और वफादारी वास्तव में सबसे अच्छे दोस्त हैं। जरूरत के समय यही काम आता है , जब आपके दोस्त और परिवार जिंदगी की जंग लड़ रहे हों। चाहे वो आपके दोस्त हों या पालतू जानवर अगर हम अपने दोस्तों और परिवार से प्यार करते हैं , और मिलते हैं तो उनसे भी हमें वही मिलता है

आपका इस Post पर समय देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद्।

निष्कर्ष-

यह कहानी हमने गूगल और किताबों से रिसर्च करके लिखी है। तो प्यारो मित्रो आशा है आपको Hindi हाथी की कहानी अच्छी लगी होगी। तो हमे COMMENT करके अवश्य बतायें.ताकि हमे प्रेरणा मिले आप के लिए एक और नई कहानी लाने का अगर आप को ऐसी ही Kids Stories Hindi में पढ़ने का है, तो इस पोस्ट को LIKE करके हमारी Family को ज्वाइन करना न भूलें। तब तक लिए हमारी बाकी कहानियाँ पढ़ें, धन्यवाद, आपका दिन शुभ हो

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हाथी की कहानी से Related कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर (FAQs)में दिए गए है।

FAQ –

Ques-1:बढ़ई को किसकी आवाज़ सुनाई दी ?
Ans:- बढ़ई को एक विशाल हाथी की आवाज़ सुनाई दी।

Ques-2:हाथी के पैर में जो कांटा चुभा था उसको किसने निकला ?
Ans:- हाथी के पैर में जो कांटा चुभा था उसे बढ़ियो ने मील कर निकला था।

Ques-3:हाथी बढ़ियो का कौन से काम में मदत करता था ?
Ans:- हाथी बढ़ियो का हाथ गाड़ी में कटी हुई लकड़ी ऊठाणे में मदत करती थी।

Ques-4:राजा को जंगल से गुजरते वक्त क्या चीज पसंद आई ?
Ans:- राजा को जंगल से गुजरते वक्त हाथी के बच्चे को एक टीम की तरह काम करते देख पसंद आई।

Ques-5:हाथी के बच्चे कौन सी खबर सुनकर खाना पीना छोड़ दिया ?
Ans:- हाथी के बच्चे ने सेनापति द्वारा उस जंगल की बात सुन खाना पीना छोड़ दिया।

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