आज की तेजी से बढ़ती दुनिया में, जहाँ बच्चे कई प्रकार की विचलनों से परिपूर्ण होते हैं, मूल्यवान जीवन सीखने के लिए आकर्षक और शिक्षाप्रद तरीकों को प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। “बच्चों के लिए शिक्षाप्रद: चतुर मुर्गे की Hindi kahani” एक ऐसी शिक्षाप्रद हिंदी कहानी है जो इसमें कई ज्ञान छिपा है। तो ये “ पंचतंत्र की कहानी “ आपको पढ़ने का शौक है, तो कहानी को पुरे बिस्तार से अन्तः तक जरूर पढ़िएगा। क्यों की आधी- अधूरी article पढ़ने से बहुत से सवाल के जबाब नहीं मिल पते, तो आइए हमारे साथ आपके कीमती समय ना जाया करते हुए इस अनोखी कहानी के सफर में डूबते हैं।👇🏻
Story of clever Cock
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बच्चों के लिए शिक्षाप्रद: चतुर मुर्गे की कहानी – पंचतंत्र की कहानी Hindi Kahani
एक घने जंगल में एक पेड़ पर लाल (Read) मुर्गा रहा करता था। वह रोज सुबह सूर्यौदय से पहले उठ जाता था। उठने के बाद वह जंगल में दाना-पानी चुगने के लिए चला जाता था और शाम होने से पहले वापस अपने घर लौट आता था।
उसी जंगल में एक चालाक लोमड़ी भी रहती थी। वो इतनी चालाक थी कि अपने शिकार और भोजन के लिए पहले तो वो जानवरों से दोस्ती करती और फिर मौक़ा पाते ही उन्हें मारकर दावत उड़ाती.
उस लोमड़ी की इसी आदत की वजह से उससे सभी दूर रहते और कतराते थे.एक दिन उसे कहीं भोजन नहीं मिला तो वो दूर तक शिकार की तलाश में निकल पड़ी, उसकी नज़र एक तंदुरुस्त मुर्गे पर पड़ी. वह मुर्गा पेड़ पर चढ़ा हुआ था.
वह लोमड़ी रोज मुर्गे को देखती और सोचती, “कितना बड़ा और तंदुरुस्त मुर्गा है। अगर यह मेरे हाथ लग जाए, तो कितना स्वादिष्ट भोजन बन सकता है”, लेकिन मुर्गा कभी भी उस लोमड़ी के हाथ नहीं आता था।
बहुत सोचने के बाद लोमड़ी को लगा ये ऐसे हाथ न आएगा, तो एक दिन मुर्गे को पकड़ने के लिए लोमड़ी ने एक तरकीब निकाली। वह उस पेड़ के पास गई, जहां मुर्गा रहता था और कहने लगी,आरे ओ मेरे मुर्गे भाई! क्या तुम्हें यह खुशखबरी की बात पता चली है। तो
मुर्गे ने कहा कैसी खुशख़बरी? फीर
लोमड़ी ने कहा जंगल के राजा और हमारे बड़ों ने मिलकर सारे लड़ाई-झगड़े खत्म करने का फैसला किया है। आज से कोई जानवर किसी दूसरे जानवर को नुकसान नहीं पहुंचाएगा और ना ही मारकर खाएगा. सब मिलजुलकर हंसी-ख़ुशी से रहेंगे, एक दूसरे की सहायता करेंगे.
मुर्गे को समझ में आ गया कि हो न हो ये लोमड़ी झूठ बोल रही है, इसलिए मुर्गे ने उसकी बातों पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और कहा कि अच्छी बात है.
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चतुर मुर्गे की Hindi kahani
लोमड़ी मुर्गे की ऐसी ठंडी प्रतिक्रिया देख फिर बोली- तो मेरे भाई, इसी बात पर आओ, नीचे आओ। हम गले लगकर एक दूसरे को बधाई दें।”और साथ में ख़ुशियां बांटे.
मुर्गा अब लोमड़ी की चालाकी समझ चुका था इसलिए वो मुस्कुराते हुए बोला अरे वाह लोमड़ी बहन, ये तो बहुत अच्छी खबर है। पीछे देखो, शायद इसलिए हमसे मिलने हमारे कुछ और दोस्त भी ख़ुशी से दौड़े चले आ रहे हैं।”उन दोस्तों से तो गले मिलकर बधाई ले लो जो इसी तरफ़ आ रहे हैं. मुझे पेड़ से दिख रहे हैं वो
लोमड़ी ने हैरान हो कर पूछा, “दोस्त? कौन दोस्त?”
मुर्गे ने कहा, “अरे वो शिकारी कुत्ते, वो भी अब हमारे दोस्त हैं न?” शायद वो भी तुम्हें बधाई देने के लिए ही इस ओर आ रहे हैं.
शिकारी कुत्तों का नाम सुनते ही लोमड़ी थर-थर कांपने लगी. वो बुरी तरह डर गई क्योंकि उसे लगा कि अब अगर वो थोड़ी देर भी यहां रुकी तो ये मुर्गा भले ही उसका शिकार बने न बने लेकिन वो खुद इन शिकारी कुत्तों का शिकार ज़रूर बन जाएगी,
इसलिए उसने अपनी जान बचाना ही मुनासिब समझा और लोमड़ी ने न आव देखा न ताव और उनके आने की उल्टी दिशा में दौड़ पड़ी।
मुर्गे ने हंसते हुए लोमड़ी से कहा, “अरे-अरे लोमड़ी बहन, कहां भाग रही हो? अब तो हम सब दोस्त हैं न?”
तो डर किस बात का, थोड़ी देर रुको. लोमड़ी बोली कि भाई दोस्त तो हैं लेकिन शायद शिकारी कुत्तों को अभी तक यह खबर नहीं मिली है”, यह कहते हुए लोमड़ी वहां से ग़ायब हो गई! और मुर्गे की सूझबूझ की वजह से उसकी जान बच गई।
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कहानी की सीख: चतुर मुर्गा और चालक लोमड़ी की कहानी हमें यह सिखाती है किकभी भी किसी के ऊपर या उसकी चिकनी छुपड़ी बातों पर आंख बंद करके आसानी से विश्वास नहीं करना चाहिए, और चालाक लोगों से हमेशा सतर्क व सावधान ऐसे लोग ना किसी के दोस्त होते हैं और ना हाई भरोसे लायक वो सिर्फ़ अपने लिए सोचते हैं रहना चाहिए।
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FAQ –
Ques-1. पेड़ की डाल पर बैठे मुर्गा से लोमड़ी ने क्या कहा?
Ans:- पेड़ की डाल पर बैठे मुर्गे से लोमड़ी ने कहा-लोमड़ी, अपनी चालाकी के लिए जानी जाती थी, ने बातचीत शुरू की। वह मुर्गे से एक साझेदारी की प्रस्तावना रखी, सुझाव देते हुए कि वे एक-दूसरे के लिए मिलकर लाभकारी बन सकते हैं। इस समय लोमड़ी ने शब्द कहे और मुर्गे को एक चुनौती दी कि उसे किस प्रकार का निर्णय लेना होगा।
मुर्गा, यदि भी गर्व और आत्म-मान का सहारा लेने वाला था, तो उसने लोमड़ी के शब्दों के बारे में ध्यानपूर्वक विचार किया। उसने सोचा कि क्या उसे चालाक लोमड़ी पर विश्वास करना चाहिए और उसके निर्णय के क्या परिणाम हो सकते हैं।
Ques-2. लोमड़ी कितनी चालाक होती है?
Ans:- लोमड़ी एक बहुत ही चालाक और बुद्धिमान पशु होती है। वे अपने चाल को बड़ी सवदानी और बुद्धिमत्ता से काम में लेती हैं और कई संवादों और कहानियों में उन्हें एक बुद्धिमान और चालाक प्रतीत किया गया है। वे अपनी साजिशों को अच्छी तरह से छिपाती हैं और अक्सर अन्य पशुओं को अपने चाल से चुनौती देती हैं। लोमड़ी अपने प्राणी और चारणी चरित्र के साथ अपनी संज्ञान क्षमता का भी उपयोग करती है, जो उन्हें बहुत ही चुनौतीपूर्ण बनाता है।
Ques-3. दुनिया में सबसे पहले मुर्गी कैसे आई थी?
Ans:- दुनिया में सबसे पहले मुर्गी का आगमन विज्ञान और प्राचीन इतिहास के एक बड़े सवालों में से एक है, और यह सच्चाई किसी भी विशेष समय या स्थान के लिए स्पष्ट नहीं है। हम आपको कुछ विचार प्रस्तुत कर सकते हैं, लेकिन यह एक विश्वसनीय तथ्य के रूप में माना जाना चाहिए कि यह विचार केवल किसी कथा या किस्से का हिस्सा है।
कुछ प्राचीन कथाएँ बताती हैं कि मुर्गी का आगमन देवताओं या अल्प विशेषज्ञता के साथ हुआ था, और उन्होंने उसे मनुष्यों के लिए उपहार के रूप में प्रस्तुत किया। यह कथाएँ अधिकतर धार्मिक अथवा रूपक दृष्टिकोण से हैं और उन्हें किसी विशेष ऐतिहासिक घटना के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
सामाजिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, मुर्गी का आगमन उसकी प्राजनन प्रक्रिया के माध्यम से हुआ हो सकता है, जैसे कि उसका प्राचीन रूप पूर्वी जीवनुओं के साथ विकसित हुआ हो। इस प्रकार के प्राचीन घटनाओं का अध्ययन और संशोधन भविष्य में अधिक स्पष्टता और जानकारी प्रदान कर सकता है।
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