दीपावली, जिसे दिवाली के नाम से भी जाना जाता है, भारत का सबसे प्रमुख और धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है। यह त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत और अज्ञानता पर ज्ञान की प्राप्ति का प्रतीक है। हर साल लाखों लोग इस त्यौहार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। लेकिन कई बार लोग दिवाली की सही तारीख और समय को लेकर भ्रमित हो जाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि इस साल दिवाली कब है और इसे मनाने का सही समय क्या है।
दीपावली कब है? जानें त्योहार की सही तिथि और समय | और भी बहुत कुछ की जानकारी दी गई है
1. दीपावली का महत्व
- धार्मिक महत्व: दीपावली का प्रमुख धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में नगरवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।
- सांस्कृतिक महत्व: दिवाली न केवल एक धार्मिक त्यौहार है बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सभ्यता का भी प्रतीक है। इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं।
- आध्यात्मिक महत्व: दिवाली आत्मा की शुद्धि और अंतरात्मा के प्रकाश का त्यौहार है। यह आत्मा की प्रकाश की ओर यात्रा का प्रतीक है।
2. दीपावली की तिथि कैसे तय होती है?
दीपावली की तिथि हर साल बदलती है क्योंकि यह हिन्दू पंचांग के अनुसार मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। अमावस्या तिथि वह दिन होता है जब चंद्रमा का कोई अंश आकाश में नहीं दिखाई देता। इसलिए, यह तिथि हर साल ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार बदलती रहती है।
3. 2024 में दीपावली की तिथि
2024 में, दीपावली 1 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन अमावस्या तिथि होगी, और इसी दिन माँ लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा।
4. दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त
पूजा का समय दीपावली के दौरान बेहद महत्वपूर्ण होता है। लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल के दौरान होता है, जो सूर्यास्त के बाद और रात के पहले पहर के बीच का समय है। 2024 में, लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
- लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: 1 नवंबर, 2024 को शाम 18:56 बजे से 20:26 बजे तक।
- प्रदोष काल: शाम 17:58 बजे से 20:26 बजे तक।
- वृषभ काल: शाम 18:56 बजे से 20:59 बजे तक।
5. दीपावली का छह दिवसीय पर्व सही तिथि और समय
दिवाली एक दिन का त्यौहार नहीं है, बल्कि इसे छह दिनों तक मनाया जाता है। इन छह दिनों में अलग-अलग त्यौहार और परंपराओं से भरे होते हैं:
- धनतेरस: 29 अक्टूबर, 2024 (मंगलवार)-
इस दिन लोग नए बर्तन, सोना-चांदी या धातु से बने वस्त्र खरीदते हैं।
- काली चौदस: 30 अक्टूबर, 2024 (बुधवार)-
काली चौदस, जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहा जाता है, दीपावली के पाँच दिवसीय पर्व का दूसरा दिन है। यह दिन मुख्य रूप से बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और इसका संबंध भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध करने से है। काली चौदस का नाम सुनते ही मन में थोड़ा सा डर और रहस्य का भाव उत्पन्न हो सकता है, लेकिन वास्तव में यह त्योहार आत्मशुद्धि और आत्मरक्षा का प्रतीक है।
- नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) 31 अक्टूबर, 2024 (गुरुवार)-
इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था।
- दिवाली (लक्ष्मी पूजन)1 नवंबर, 2024 (शुक्रवार)-
दीपावली: मुख्य पर्व, जिस दिन माँ लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।
- गोवर्धन पूजा: अन्नकूट 2 नवंबर, 2024 (शनिवार)-
इस दिन भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाकर इंद्र के प्रकोप से
गोकुलवासियों की रक्षा करने की कथा का स्मरण किया जाता है।
- भाई दूज: यम द्वितीया 3 नवंबर, 2024 (रविवार)-
इस दिन भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का पर्व मनाया जाता है।
6. दीपावली पर क्या करें और क्या न करें
- क्या करें:
- घर की सफाई और सजावट।
- दीप जलाना और लक्ष्मी पूजन।
- अपने प्रियजनों को मिठाइयाँ और उपहार देना।
- क्या न करें:
- पटाखों का अत्यधिक प्रयोग न करें, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो।
- नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- बिना सोचे-समझे खर्च न करें, बल्कि अपने बजट का ध्यान रखें।
7. दीपावली पर पर्यावरण संरक्षण
दिवाली का त्यौहार बहुत महत्वपूर्ण है, इसे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ मनाना भी जरूरी है। इसमें वायु और ध्वनि प्रदूषण का अत्यधिक उपयोग होता है, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए विनाशकारी है। इसलिए हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम इस त्यौहार को खुशी के साथ मनाएं, लेकिन सतर्कता से मनाएं।
8. इको-फ्रेंडली दीपावली कैसे मनाएं?
- दीये जलाएं: दीयों का प्रयोग करें जो पर्यावरण के अनुकूल हैं।
- पेपर लैंटर्न्स का इस्तेमाल: पेपर लैंटर्न्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो देखने में भी सुंदर होते हैं और प्रदूषण भी नहीं करते।
- पटाखों का कम प्रयोग: पटाखों का कम से कम प्रयोग करें और ऐसे पटाखों का चयन करें जो कम धुआं और ध्वनि उत्पन्न करें।
- रीसायकल करें: रीसायकल की गई सामग्री से बने सजावट के सामान का प्रयोग करें।
9. दीपावली के दौरान सुरक्षा के उपाय
दिवाली के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है, खासकर तब जब घर में छोटे बच्चे और पालतू जानवर हों। बच्चों पर नज़र रखें और उन्हें सुरक्षित दूरी पर रखें। साथ ही, जलते हुए दीयों को घर के अंदर या बाहर सुरक्षित रखें ताकि आग से जुड़े किसी भी प्रकार के जोखिम से बचा जा सके।
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निष्कर्ष-
दिवाली सिर्फ रोशनी का त्यौहार नहीं है बल्कि यह हमारे जीवन में खुशी, उल्लास और सकारात्मकता का माध्यम है। इस त्यौहार को सही तिथि और समय पर मनाने से हमें इसका पूरा लाभ मिलता है। तो इस साल 1 नवंबर को अपने परिवार और दोस्तों के साथ यह त्यौहार मनाएं और अपने जीवन को रोशनी और खुशियों से भर दें।
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इस Article से Related कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर (FAQs)में दिए गए है।
FAQ –
Ques-1: लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है?
Ans:- लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: 1 नवंबर, 2024 को शाम 18:56 बजे से 20:26 बजे तक।Ques-2:क्या दीपावली केवल एक दिन का त्योहार है?
Ans:- नहीं, दीपावली एक छह दिवसीय पर्व है जिसमें धनतेरस से लेकर भाई दूज तक के त्योहार शामिल हैं।Ques-3: दीपावली किस दिन मनाई जाती है?
Ans:- दीपावली 2024 में 1 नवंबर को मनाई जाएगी।Ques-4: दीपावली पर पटाखों का प्रयोग क्यों कम करना चाहिए?
Ans:- पटाखों से वायु और ध्वनि प्रदूषण होता है, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।Ques-5: दीपावली का धार्मिक महत्व क्या है?
Ans:- दीपावली भगवान राम के अयोध्या लौटने और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।